मनुष्य अपनेमें कमीका अनुभव करता है तो दूसरोंका सहारा लेता है। जबतक यह परमात्माका आश्रय नहीं लेगा, तबतक उसकी कमी…
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मनुष्य अपनेमें कमीका अनुभव करता है तो दूसरोंका सहारा लेता है। जबतक यह परमात्माका आश्रय नहीं लेगा, तबतक उसकी कमी…
Read Moreअपने हृदय में परमात्मा को अपनी पूरी शक्ति से पकड़ कर रखो, उन्हें कभी भी छोड़ो मत। उन्हें पकड़ कर…
Read Moreनिधिवन .निधिवन, वृंदावन का वह पवित्र स्थान है, जो भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की अनंत लीलाओं का साक्षी माना…
Read Moreश्री कृष्ण जन्माष्टमी व्रत कथा? जन्माष्टमी स्कन्दपुराण के मतानुसार जो भी व्यक्ति जानकर भी कृष्ण जन्माष्टमी व्रत को नहीं करता,…
Read Moreवेदों में बताया है, कि “ईश्वर में सैकड़ों हजारों गुण हैं। बहुत उत्तम उत्तम गुण हैं।” उनमें से दो-चार मुख्य…
Read Moreଆମେ ଚାଲୁଥିବା ସମୟରେ ଦୁଇପାଦ ଭିତରେ ତଫାତ ଅନେକ ଥାଏ ଗୋଟିଏ ପାଦ ଆଗକୁ ତ ଗୋଟିଏ ପାଦ ପଛକୁ ନା କେବେ ଆଗରେ ଥିବା ପାଦ…
Read Moreश्रीमद् भागवतम् भाव भागवत कहती है , कि संसारी व्यक्ति अपने जीवन में केवल लौकिक सम्बन्धों को निभाने और उन्हें…
Read Moreसंसार के लोगों में बहुत से दोष भी होते हैं, और गुण भी। “दोष सदा दुख ही देते हैं, स्वयं…
Read More।। हनुमान ।।जन्मस्थान- सुमेरु पर्वतवर्ग- किंपुरुषगण – वानरमाता- अंजना (शापित पुंजिक्स्थला)पिता- केसरीमानस पिता- महारुद्र शिव(ग्यारहवें रुद्र)संरक्षक पिता- मरुद्गण(पवनदेव)कार्यस्थान- किष्किंधा व…
Read Moreज्ञान के बाद यदि अहंकार का जन्म होता है तो वह ज्ञान जहर के समान है किन्तु ज्ञान के बाद…
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