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Darshan Samikhya
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Spirituality
ग्रहों के छह प्रकार के बल:ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों की स्थिति और उनके बल का अध्ययन फलित ज्योतिष के मूल आधारों में से एक है। ग्रहों का प्रभाव उनके बल पर निर्भर करता है, और ये बल उनके स्थान, दिशा, समय, स्वभाव, गति, और दृष्टि जैसे विभिन्न कारकों से निर्धारित होते हैं-manish chandra pandey..ayodhya
darshansamikhya Sep 8, 2025 0

“ग्रहों के छह प्रकार के बल: एक ज्योतिषीय शोधप्रबंध” ✓•प्रस्तावना: ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों की स्थिति और उनके बल का…

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पंचामृत’ और ‘चरणामृत’ में क्या अंतर है//कोई भी धार्मिक अनुष्ठान हो या पूजा-पाठ, प्रसाद रूप में पंचामृत और चरणामृत जरूर बनाए जाते हैं। इन दोनों का धार्मिक महत्व बहुत ज्यादा होता है। श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भी कृष्ण लला को पंचामृत और पंजीरी का भोग लगाया जाता है।
darshansamikhya Sep 7, 2025 0

‘पंचामृत’ और ‘चरणामृत’ में क्या अंतर है? कोई भी धार्मिक अनुष्ठान हो या पूजा-पाठ, प्रसाद रूप में पंचामृत और चरणामृत…

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କୃଷ୍ଣଙ୍କ ୧୬୦୦୦ ପତ୍ନୀ – କଥାର ସତ୍ୟତା//ଆଜିକାଲି ଅନେକ ଲୋକଙ୍କର ଭୁଲ ଧାରଣା ଅଛି ଯେ କୃଷ୍ଣଙ୍କର ୧୬୦୦୦ ସ୍ତ୍ରୀ ଥିଲେ। କାରଣ ସେମାନେ ସମ୍ପୂର୍ଣ୍ଣ କଥା ଜାଣିବା ପରିବର୍ତ୍ତେ କେବଳ କଥାଟିର କିଛି ଅଂଶ ପଢ଼ନ୍ତି।
darshansamikhya Sep 6, 2025 0

କୃଷ୍ଣଙ୍କ ୧୬୦୦୦ ପତ୍ନୀ – କଥାର ସତ୍ୟତା ଆଜିକାଲି ଅନେକ ଲୋକଙ୍କର ଭୁଲ ଧାରଣା ଅଛି ଯେ କୃଷ୍ଣଙ୍କର ୧୬୦୦୦ ସ୍ତ୍ରୀ ଥିଲେ। କାରଣ ସେମାନେ ସମ୍ପୂର୍ଣ୍ଣ…

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मनुष्य की आधी सुंदरता उसकी वाणी में छुपी होती है वाणी में अद्भुत शक्ति होती है,ताकतवर शरीर भी एक दिन ढल जाएगा पद प्रतिष्ठा और संपति भी एक दिन नष्ट हो जाएगा लेकिन एक अच्छे इंसान का स्वभाव गुण कर्म और वाणी हमेशा के लिए वैसा ही रहता है
darshansamikhya Sep 5, 2025 0

मनुष्य की आधी सुंदरता उसकी वाणी में छुपी होती है वाणी में अद्भुत शक्ति होती हैकड़वा बोलने वाले का शहद…

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କାହିଁକି କୁହାଯାଏ ଏକାଦଶୀ ବ୍ରତକୁ ସମସ୍ତ ବ୍ରତର ରାଜା ବୋଲି,ବୈକୁଣ୍ଠଧାମକୁ ପ୍ରାପ୍ତ କରାଇବା, ଭୋଗ ଓ ମୋକ୍ଷ ପ୍ରଦାନ କରିବା ଏବଂ ସମସ୍ତ ପାପକୁ ନାଶ କରିବାର ଶକ୍ତି ଏକାଦଶୀ ବ୍ରତରେ ଅଛି। ଏହି କାରଣରୁ ଏକାଦଶୀ ବ୍ରତକୁ “ବ୍ରତମାନଙ୍କ ରାଜା” କୁହାଯାଏ
darshansamikhya Sep 4, 2025 0

କାହିଁକି କୁହାଯାଏ ଏକାଦଶୀ ବ୍ରତକୁ ସମସ୍ତ ବ୍ରତର ରାଜା ବୋଲି। ବୈକୁଣ୍ଠଧାମକୁ ପ୍ରାପ୍ତ କରାଇବା, ଭୋଗ ଓ ମୋକ୍ଷ ପ୍ରଦାନ କରିବା ଏବଂ ସମସ୍ତ ପାପକୁ ନାଶ…

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तन्त्र – एक गूढ़ रहस्य//तन्त्र कोई चमत्कार नहीं, यह स्वयं को प्रकृति के पार ले जाने की साधना है।जिसे समझ पाना सामान्य मनुष्य के लिए अत्यंत कठिन है। यह हमारी कल्पनाओं से परे है – जिसे हम सोच भी नहीं सकते, वह तन्त्र की साधनाओं द्वारा संभव हो जाता है।
darshansamikhya Sep 3, 2025 0

꧁ जय द्वारकाधीश꧂ तन्त्र – एक गूढ़ रहस्य “तन्त्र कोई चमत्कार नहीं, यह स्वयं को प्रकृति के पार ले जाने…

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श्रीमद्भागवत कहती है , कि मन कुछ और चाहता है , जबकि बुद्धि कुछ और । मन का स्वभाव खुरापाती है , उसे अधिकतर खुरापात ही सूझती है । हालांकि वह जब भी कुछ गलत करने की कोशिश करता है , बुध्दि उसे रोकती है । लेकिन मन अपनी ही मनमानी करता है । उसे बुध्दि की सीख नहीं सुहाती । और एक स्थिति तो आ जाती है-भाई रामगोपालानन्द गोयल
darshansamikhya Sep 3, 2025 0

★ सभी मनुष्य जानते हैं , कि भगवान कर्तुम – अकर्तुम अन्यथा कर्तुम सर्व समर्थ हैं । उनके एक भृकुटी…

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जीवन एक अनवरत यात्रा है। यह केवल जन्म से मृत्यु तक का समय नहीं, बल्कि निरंतर बदलती परिस्थितियों और अनुभवों की श्रृंखला है। इस यात्रा की सबसे बड़ी सच्चाई यही है कि इसमें संघर्ष कभी समाप्त नहीं होता। प्रत्येक मनुष्य अपने जीवन में किसी न किसी रूप में संघर्ष करता है-संघर्ष और परिवर्तन का संबंध…
darshansamikhya Sep 2, 2025 0

संघर्ष के बिना जीवन अधूरा है, और संघर्ष के साथ ही जीवन पूर्णता को प्राप्त करता है। जीवन में संघर्ष…

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जब नारी का रूप धरकर राधाजी की परीक्षा लेने आए थे नंदलाल//लीलाधारी भगवान कृष्ण की लीला अद्भुत है,एक बार तो श्रीराधाजी की प्रेम परीक्षा लेने के लिए नारी बन उनके महल में पहुंच गए
darshansamikhya Sep 1, 2025 0

जब नारी का रूप धरकर राधाजी की परीक्षा लेने आए थे नंदलाल. लीलाधारी भगवान कृष्ण की लीला अद्भुत हैएक बार…

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खूबियां देखकर तो हर कोई प्यार जताएगा….,तलाश उसकी करो जो खामियां देखकर भी साथ ना छोड़ें….भगवान की माया के दो अस्त्र हैं; एक है “आवरण” और दूसरा है “विक्षेप”। माया का आकर्षण बड़ा प्रबल है। माया से मुक्ति मायापति की परमकृपा ही दिला सकती है। इस समय उनकी माया का प्रकोप प्रबलतम है-कृपा शंकर
darshansamikhya Sep 1, 2025 0

खूबियां देखकर तो हर कोई प्यार जताएगा….,तलाश उसकी करो जो खामियां देखकर भी साथ ना छोड़ें….भगवान की माया के दो…

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  • ଗାନ୍ଧୀଙ୍କ ହତ୍ୟା ପରେ ନେହେରୁ ଓ ପଟେଲଙ୍କ ଭାବନାତ୍ମକ ଦୃଶ୍ୟ◦ ନେହେରୁ ଗାନ୍ଧୀଙ୍କ ଶବ ଧରି କାନ୍ଦିଥିଲେ – ଏହା ସତ୍ୟ। ସେ ଅତ୍ୟନ୍ତ ଭାବୁକ ହୋଇଯାଇଥିଲେ।◦ ପଟେଲ ମୌନ ରହି ଗଭୀର ଦୁଃଖରେ ଡୁବିଯାଇଥିଲେ – ଏହା ମଧ୍ୟ ସତ୍ୟ। ସେ ବାହାରୁ କଠୋର ଥିଲେ, କିନ୍ତୁ ଭିତରେ ଭାଙ୍ଗି ପଡ଼ିଥିଲେ-ଏକ ଉପସ୍ଥାପନା ତାଙ୍କ ଦ୍ୱାରା
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ଗାନ୍ଧୀଙ୍କ ହତ୍ୟା ପରେ ନେହେରୁ ଓ ପଟେଲଙ୍କ ଭାବନାତ୍ମକ ଦୃଶ୍ୟ◦ ନେହେରୁ ଗାନ୍ଧୀଙ୍କ ଶବ ଧରି କାନ୍ଦିଥିଲେ – ଏହା ସତ୍ୟ। ସେ ଅତ୍ୟନ୍ତ ଭାବୁକ ହୋଇଯାଇଥିଲେ।◦ ପଟେଲ ମୌନ ରହି ଗଭୀର ଦୁଃଖରେ ଡୁବିଯାଇଥିଲେ – ଏହା ମଧ୍ୟ ସତ୍ୟ। ସେ ବାହାରୁ କଠୋର ଥିଲେ, କିନ୍ତୁ ଭିତରେ ଭାଙ୍ଗି ପଡ଼ିଥିଲେ-ଏକ ଉପସ୍ଥାପନା ତାଙ୍କ ଦ୍ୱାରା
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Darshan smikhya the weekly odia newspaper supplement publish from since 1988 having a large number of readers, viewers in state of odisha and covered 30 districts in 30 year having approximately 30000 well wishers

Editor -Baikunta Nath Jena ,Cuttack Odisha, Ph - 9937465240, RNI NO -ODIODI/2018/77356

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