जो व्यक्ति परमात्मा को पूर्णतः समर्पित हो जाता है, उसका कोई लौकिक कर्तव्य बाकी नहीं रहता, वह कृतकृत्य और कृतार्थ है।- कृपा शंकर
"जो व्यक्ति परमात्मा को पूर्णतः समर्पित हो जाता है, उसका कोई लौकिक कर्तव्य बाकी नहीं रहता, वह कृतकृत्य और कृतार्थ है।".परमात्मा को पूरी तरह समर्पित हो जाना हमारा सर्वोपरी कर्तव्य…