महर्षि दधीचि//महर्षि दधीचि एक परम तपस्वी ऋषि थे, जो प्राचीन काल में हुए थे। वे अपने त्याग और महानता के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने अपनी हड्डियों का दान कर दिया था ताकि इंद्रदेव को वृत्रासुर से लड़ने के लिए वज्र मिल सके.

महर्षि दधीचि एक परम तपस्वी ऋषि थे, जो प्राचीन काल में हुए थे। वे अपने त्याग और महानता के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने अपनी हड्डियों का दान कर दिया…

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ପଣା ସଂକ୍ରାନ୍ତି//ଓଡ଼ିଆ ପଞ୍ଜିକାର ଗଣନା ଅନୁସାରେ ମହାବିଷୁବ ସଂକ୍ରାନ୍ତି ହିଁ ବର୍ଷର ପ୍ରଥମ ସଂକ୍ରାନ୍ତି ଭାବରେ ଗ୍ରହଣ କରାଯାଏ l ଏହା ସାଧାରଣତଃ ଅପ୍ରେଲ ୧୪ (ବୈଶାଖ ୧) ତାରିଖରେ ପଡ଼େ l ଏହି ଦିନଠାରୁ ବସନ୍ତ ଋତୁର ଶେଷ ଓ ଗ୍ରୀଷ୍ମର ଆରମ୍ଭ ହୋଇଥାଏ

⚫❗⚫-: ପଣା ସଂକ୍ରାନ୍ତି (ମହାବିଷୁବ ସଂକ୍ରାନ୍ତି) : - ଆଜି ଓଡିଆ ଜାତିର ପାରମ୍ପାରିକ ନବବର୍ଷ ରେ ଆପାଣମାନଙ୍କୁ ସମସ୍ତଙ୍କୁ ନବବର୍ଷ ର ଶୁଭେଚ୍ଛା l ଭଗବାନ ସୂର୍ଯ୍ୟ ନାରାୟଣ ଏବଂ ତାଙ୍କର ଶିଷ୍ୟ ବଜରଙ୍ଗବାଲି ଭଗବାନ ଆପଣଙ୍କୁ ଅମୃତ ଦୃଷ୍ଟିରେ…

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कल्कि अवतार//कल्कि अवतार के प्रकट होने के कुछ लक्षण हैं जिनमें से एक प्रमुख लक्षण है धर्म का पतन और अधर्म का उदय। जब धर्म का पतन चरम पर होगा, तब भगवान कल्कि दुष्टों का संहार करने और धर्म की स्थापना करने के लिए अवतार लेंगे।

कल्कि अवतार के प्रकट होने के कुछ लक्षण हैं जिनमें से एक प्रमुख लक्षण है धर्म का पतन और अधर्म का उदय। जब धर्म का पतन चरम पर होगा, तब…

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ଜୀବନ ଦର୍ଶନ //ଭଗବାନଙ୍କ ସହିତ ସମ୍ପର୍କ ଆଉ ମଣିଷ (ନିଜ ଲୋକଙ୍କ) ସହିତ ସମ୍ପର୍କ ମଧ୍ୟରେ ଅନେକ ପ୍ରଭେଦ ରହିଛି।ମଣିଷ ଯେତେ ବଡ ସଫଳତା ପାଇଲେ ବି ଦୁଇ ଜଣଙ୍କ ପାଖରେ ସବୁବେଳେ ହାର୍ ମାନିଯାଏ…।ପ୍ରଥମଟି ହେଲା ପରିବାର▪️ଦ୍ବିତୀୟଟି ହେଲା ପ୍ରେମ

ଭଗବାନଙ୍କ ସହିତ ସମ୍ପର୍କ ଆଉ ମଣିଷ (ନିଜ ଲୋକଙ୍କ) ସହିତ ସମ୍ପର୍କ ମଧ୍ୟରେ ଅନେକ ପ୍ରଭେଦ ରହିଛି। ନିଜଲୋକନ୍କୁ ଯେତେ ଅଧିକ ଭଲପାଉ ଆମେ ସେତେ ଦୁର୍ବଳ ହେଇଯାଉ। ଯାହାକୁ ଯେତେ ଭଲପାଉ ସେ ଆମର ସେତେ ଅଧିକ ଦୁର୍ବଳତା ହେଇଯାଏ।…

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हनुमान जी की जन्म कथा कई रूप में प्रचलित है, लेकिन मुख्य रूप से उन्हें भगवान शिव का रुद्र अवतार और पवन पुत्र के रूप में जाना जाता है,उन्हें शिव का 11वां रूद्र अवतार माना जाता है

हनुमान जी का जन्म चैत्र पूर्णिमा, मंगलवार को हुआ था। उनकी माता का नाम अंजनी और पिता का नाम केसरी था। मान्यता है कि हनुमान जी भगवान शिव के रुद्र…

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ଦମ୍ଭ ଓ ତେଜ ମଧ୍ୟରେ ପାର୍ଥକ୍ୟ ରହିଛି। ଦମ୍ଭରେ ଗର୍ବର ପ୍ରାଚୂର୍ଯ୍ୟ ରହିଥାଏ ଏବଂ ତେଜରେ ନମ୍ରତାର। ବିପଦଜନକ ପରିସ୍ଥିତିରେ ଦାମ୍ଭିକ ମ୍ରିୟମାଣ ହୋଇପଡ଼ିଥିବା ବେଳେ ତେଜସ୍ଵୀ ସ୍ଥିର ହୋଇ ରହିଥାନ୍ତି

ଦମ୍ଭ ଓ ତେଜ ମଧ୍ୟରେ ପାର୍ଥକ୍ୟ ରହିଛି। ଦମ୍ଭରେ ଗର୍ବର ପ୍ରାଚୂର୍ଯ୍ୟ ରହିଥାଏ ଏବଂ ତେଜରେ ନମ୍ରତାର। ବିପଦଜନକ ପରିସ୍ଥିତିରେ ଦାମ୍ଭିକ ମ୍ରିୟମାଣ ହୋଇପଡ଼ିଥିବା ବେଳେ ତେଜସ୍ଵୀ ସ୍ଥିର ହୋଇ ରହିଥାନ୍ତି। ତେଜସ୍ଵୀ ବ୍ୟକ୍ତି ଚନ୍ଦ୍ରଙ୍କ ପରି। ପୂର୍ଣ୍ଣିମା ଚନ୍ଦ୍ରର ସମସ୍ତ…

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Ram Navami Special//किष्किंधा पर्वत, रामायण में एक महत्वपूर्ण स्थान है, जहां भगवान राम और हनुमान की पहली मुलाकात हुई थी। यह पर्वत कर्नाटक के कोप्पल और बेल्लारी जिले के पास स्थित है, और इसे अंजनी पर्वत के नाम से भी जाना जाता है।

किष्किंधा पर्वत, रामायण में एक महत्वपूर्ण स्थान है, जहां भगवान राम और हनुमान की पहली मुलाकात हुई थी। यह पर्वत कर्नाटक के कोप्पल और बेल्लारी जिले के पास स्थित है,…

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Ram Navami Special//श्री राम जी ने विभीषण जी को अपनी शरण में ले लिया। शरण में लेने के पश्चात श्री राम जी ने विभीषण जी को लंकेश कहकर संबोधित किया।

राम कथा भाग १२८जय श्री राम।।श्री राम जी ने विभीषण जी को अपनी शरण में ले लिया। शरण में लेने के पश्चात श्री राम जी ने विभीषण जी को लंकेश…

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हमेशा दूसरों की सफ़लता पर ध्यान देने से बेहतर है अपनी सफ़लता पर ध्यान देकर उनसे भी बेहतर बन जाना-नवाजिश खान,पत्रकार,उत्तर प्रदेश

हमेशा दूसरों की सफ़लता पर ध्यान देने से बेहतर है अपनी सफ़लता पर ध्यान देकर उनसे भी बेहतर बन जाना साहब - और सुनो समय का चक्र बहुत तेज चलता…

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आज़ जयंती है जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर, सत्य और अहिंसा के मूर्तिमान प्रतीक, महान त्यागी और तपस्वी भगवान महावीर स्वामी जी,उन्हें इस बात का अनुभव हो गया था कि इन्द्रियों का सुख, विषय-वासनाओं का सुख, दूसरों को दुःख पहुँचा करके ही पाया जा सकता है।

आज़ जयंती है जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर, सत्य और अहिंसा के मूर्तिमान प्रतीक, महान त्यागी और तपस्वी भगवान महावीर स्वामी जी जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर महावीर स्वामी अहिंसा…

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