ब्रह्माण्ड के चौदह भुवन, स्वर्ग और नर्क आदि अन्यान्य लोकों का वर्णन..समस्त संसारी जीवों का अस्तित्व नारकी, देव, तिर्यक (पशु, पक्षी, कीड़े,) और मनुष्य इन भेदो में पाया जाता है । इन्हें ही चार गतियां कहते हैं।

ब्रह्माण्ड के चौदह भुवन, स्वर्ग और नर्क आदि अन्यान्य लोकों का वर्णन भारतीय पौराणिक ग्रंथों में बहुत सारे अंश प्रक्षिप्त हैं। उन्हें बाद के समयों में अर्थलोलुप और परान्न्भोजी विद्वानों…

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Ravan Charitra: लंका पति रावण ने सीता माता को अपहरण करके 2 साल तक अपनी कैद में रखा था. लेकिन इस दौरान रावण ने एक बार भी माता सीता को छुआ भी नहीं था.रावण ने जब सीता माता को कैद करके अशोक वाटिका में रखा तो उस अशोक वाटिका में एक राक्षसी माता सीता की रक्षा के लिए रखी गई.

Ravan Charitra: लंका पति रावण ने सीता माता को अपहरण करके 2 साल तक अपनी कैद में रखा था. लेकिन इस दौरान रावण ने एक बार भी माता सीता को छुआ…

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बुरी आदतों से बचें//यदि बुरी आदतों को समय रहते सुधारा न गया तो वो किसी भी मनुष्य के लिए एक अभिशाप की तरह उसके अपयश एवं अपकीर्ति का कारण बन जाती हैं- vijay kumar Sukla Ayodhya

आज का भगवद् चिंतन बुरी आदतों से बचें यदि बुरी आदतों को समय रहते सुधारा न गया तो वो किसी भी मनुष्य के लिए एक अभिशाप की तरह उसके अपयश…

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विष्णु से सम्बन्ध// रावण विजयी हुआ। उसने कुबेर से उसका पुष्पक विमान छीन लिया। रावण, शिव की असीमित शक्ति से अत्यंत प्रभावित हुआ; वह उनका भक्त बन गया, और उसने शिव से उनकी स्मृति के रूप में चमत्कारी चन्द्रहास खड्‌ग प्राप्त किया।

रावण विजयी हुआ। उसने कुबेर से उसका पुष्पक विमान छीन लिया। उस क्षेत्र के प्राकृतिक सौन्दर्य से रावण अभिभूत था। वह सुमाली आदि के साथ पुष्पक पर भ्रमण के लिये…

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ପରିଚୟ//ସମସ୍ତେ ନିଜର ପରିଚୟ ଦେବା ପାଇଁ ପ୍ରାୟ ବ୍ୟାକୁଳ ହୋଇଥାନ୍ତି । ଏଥି ନିମନ୍ତେ ପ୍ରତ୍ୟେକେ ନିଜ–ନିଜ ଢଙ୍ଗରେ ଚେଷ୍ଟା ମଧ୍ୟ କରିଥାନ୍ତି । କେହି ଧନ କୁବେର ହେବା ପାଇଁ ପ୍ରୟାସ କରିଥାଏ ତ କେହି ଉଚ୍ଚପଦ ପାଇଁ ଉପାୟ ପାଞ୍ଚିଥାଏ.ଯିଏ ନିଜର ବ୍ୟକ୍ତିତ୍ଵ ଓ ଆଚରଣର ନିରନ୍ତର ସମୀକ୍ଷା କରି ଏହାକୁ ବିକଶିତ କରିନିଅନ୍ତି, ସେ ନିଜର ପରିଚୟକୁ ମଧ୍ୟ ସ୍ବତଃ ବିକଶିତ କରିଥାନ୍ତି l

ପରିଚୟ ସମସ୍ତେ ନିଜର ପରିଚୟ ଦେବା ପାଇଁ ପ୍ରାୟ ବ୍ୟାକୁଳ ହୋଇଥାନ୍ତି । ଏଥି ନିମନ୍ତେ ପ୍ରତ୍ୟେକେ ନିଜ–ନିଜ ଢଙ୍ଗରେ ଚେଷ୍ଟା ମଧ୍ୟ କରିଥାନ୍ତି । କେହି ଧନ କୁବେର ହେବା ପାଇଁ ପ୍ରୟାସ କରିଥାଏ ତ କେହି ଉଚ୍ଚପଦ ପାଇଁ…

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मनुष्य को मिलने वाला सुख दुःख लाभ हानि यश अपयश कीर्ति अपकीर्ति सफलता और असफलता उसके पौरुष अर्थात कर्म और दैव अर्थात भाग्य के संयोग से व्यवहारिक और स्वभावतः फलित होने के परिणाम स्वरूप होता है

पौरुषं कर्म दैवं च फलवृत्तिस्वभावतः।न चैव तु पृथग्भावमधिकेन ततो विदुः।।63एतदेवं च नैवं च न चोभे नानुभे न च।स्वकर्मविषयं ब्रूयु: सत्त्वस्था: समदर्शिनः।।64 मनुष्य को मिलने वाला सुख दुःख लाभ हानि यश…

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ଜୀବନ ଗୋଟିଏ ମିନିଟ୍ ରେ ବଦଳିଯାଏ ନାହିଁ କିନ୍ତୁ ଗୋଟିଏ ମିନିଟ୍ ରେ ନେଇଥିବା ନିଷ୍ପତି ଜୀବନକୁ ବଦଳେଇ ଦେଇଥାଏ ଏଇ ତ ଜୀବନ ଯାହାର ରକ୍ଷା ଈଶ୍ୱର କରନ୍ତି,ତାହାର କ୍ଷତି କିଏ କରିବ?ପବନ ଯେଉଁ ଦୀପଶିଖାକୁ ସୁରକ୍ଷା ଦେବ ତାକୁ କିଏ ଲିଭାଇ ପାରିବ

ଜୀବନ ଗୋଟିଏ ମିନିଟ୍ ରେ ବଦଳିଯାଏ ନାହିଁ କିନ୍ତୁ ଗୋଟିଏ ମିନିଟ୍ ରେ ନେଇଥିବା ନିଷ୍ପତି ଜୀବନକୁ ବଦଳେଇ ଦେଇଥାଏ ଏଇ ତ ଜୀବନ ଯାହାର ରକ୍ଷା ଈଶ୍ୱର କରନ୍ତି,ତାହାର କ୍ଷତି କିଏ କରିବ?ପବନ ଯେଉଁ ଦୀପଶିଖାକୁ ସୁରକ୍ଷା ଦେବ ତାକୁ…

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नागा साधु//कुंभ के बाद कहां जाते हैं साधु.आइए इस आलेख में जानते हैं नागा साधुओं के जीवन और उनकी रहस्यमयी दुनिया के बारे में।

नागा साधुमहाकुंभ 2025: कुंभ मेले के दौरान नागा साधुओं का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है। इनके लंबे जटाएं, शरीर पर भस्म और गंभीर भावनाएं लोगों को आकर्षित करती हैं।…

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ज्यादा महत्वपूर्ण यह नहीं है कि लोग आपके बारे में क्या सोचते हैं!? महत्वपूर्ण यह है कि आप स्वयं के बारे में क्या सोचते हैं!-वी के शर्मा

ज्यादा महत्वपूर्ण यह नहीं है कि लोग आपके बारे में क्या सोचते हैं!? महत्वपूर्ण यह है कि आप स्वयं के बारे में क्या सोचते हैं!?सफ़लता के लिए 3 बातें बड़ी…

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ସର୍ବତ୍ର ଈଶ୍ବର ଦର୍ଶନ କରନ୍ତୁ//ଏପରି କୌଣସି ସ୍ଥାନ ନାହିଁ, ଯେଉଁଠାରେ ଈଶ୍ବର ନାହାନ୍ତି। ଈଶ୍ବର ପ୍ରତ୍ଯେକ ପ୍ରାଣୀ ମଧ୍ଯରେ ଜୀବନ ଓ ଚେତନା ରୂପରେ ନିବାସ କରନ୍ତି। ସିଂହର ଗର୍ଜନରେ ରହିଛନ୍ତି ଈଶ୍ବର, ପକ୍ଷୀର କାକଳିରେ , ଶିଶୁର ଦରୋଟି ବଚନରେ, ପ୍ରଜାପତିର ଡେଣାରେ, ନିର୍ଝରିଣୀର କୁଳୁକୁଳୁ ନାଦରେ, ଘଣ୍ଟାର ନିନାଦରେ ଈଶ୍ବର ବିଦ୍ଯମାନ।

ସର୍ବତ୍ର ଈଶ୍ବର ଦର୍ଶନ କରନ୍ତୁ ଏପରି କୌଣସି ସ୍ଥାନ ନାହିଁ, ଯେଉଁଠାରେ ଈଶ୍ବର ନାହାନ୍ତି। ଈଶ୍ବର ପ୍ରତ୍ଯେକ ପ୍ରାଣୀ ମଧ୍ଯରେ ଜୀବନ ଓ ଚେତନା ରୂପରେ ନିବାସ କରନ୍ତି। ସିଂହର ଗର୍ଜନରେ ରହିଛନ୍ତି ଈଶ୍ବର, ପକ୍ଷୀର କାକଳିରେ , ଶିଶୁର ଦରୋଟି…

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