सप्तऋषियों में प्रथम – महर्षि वशिष्ठ
सनातन संस्कृति के सप्तऋषियों में प्रथम महर्षि वशिष्ठ का काल त्रेतायुग का था. वेद वक्ताओं में महर्षि वशिष्ठ ऋग्वेद के 7वें मण्डल के प्रणेता हैं.
महर्षि वशिष्ठ सूर्यवंशी इक्ष्वाकु कुल के महाराजा दशरथ के कुल गुरु थे, जिन्होंने भगवान श्रीराम सहित लक्ष्मण, भरत एवं शत्रुघ्न को शिक्षा दी.
वशिष्ठ ऋषि की संपूर्ण जानकारी वायु, ब्रह्मांड एवं लिंग पुराण में मिलती है. वशिष्ठ कुल ऋषियों एवं गोत्रकारों की नामावली मत्स्य पुराण में है.
त्रेतायुग के अंत में वशिष्ठ ऋषि ब्रह्मलोक चले गए. आकाश में चमकते सात तारों के समूह में पंक्ति के एक स्थान पर वशिष्ठ को स्थित माना जाता है.
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