Mata सीता और रावण के बीच कई तरह के संबंध बताए गए हैं:
ब्रह्मवैवर्त पुराण के मुताबिक, सीता, रावण और मंदोदरी की पुत्री थीं. रावण ने जन्म के बाद सीता को समुद्र में फेंक दिया था.
जैन रामायण के मुताबिक, सीता, रावण की असली बेटी थीं. रावण ने अपनी बेटी सीता के स्वयंवर में भी हिस्सा लिया था.
अद्भुत रामायण में भी सीता को रावण की बेटी बताया गया है.
लोक कथाओं और प्राचीन ग्रंथों में भी सीता को रावण की पुत्री बताया गया है.
सीता से जुड़ी कुछ और मान्यताएं:
सीता, धरती से प्राप्त हुई थीं, इसलिए उन्हें धरती की पुत्री भी कहते हैं.
सीता ने अपना वास्तविक शरीर अग्निदेव को सौंप दिया था.
अगर रावण वास्तविक सीता को बुरी नज़र से देखता, तो वहीं भस्म हो जाता.

सीता, राम विवाह और पंचवटी में अपहरण के बाद, श्रीराम ने लंका पर चढ़ाई कर रावण का वध किया.
जब रावण सीता जी का हरण करके लंका ले आया, तो पहले उन्हें मंदोदरी के महल में रखा गया, और बाद में अशोक वाटिका में.
अशोक वाटिका:
बाद में, सीता जी को अशोक वाटिका में रखा गया.
सीता जी का समय:
सीता जी ने अशोक वाटिका में कुल 11 महीने बिताए.
अशोक वाटिका में पेड़:
अशोक वाटिका में सीता जी के रहने की जगह पर एक विशाल अशोक का पेड़ था.
मंदोदरी की सलाह:
मंदोदरी ने रावण को सीता को लौटाने की सलाह दी थी, लेकिन रावण ने उसकी बात नहीं मानी.
मंदोदरी का मायका:
कुछ मान्यताओं के अनुसार, मंदोदरी का मायका मध्य प्रदेश के मंदसौर राज्य में था.
मंदोदरी और रावण का विवाह:
कुछ लोगों का मानना है कि मंदोदरी और रावण का विवाह राजस्थान के जोधपुर के मंडोर में हुआ था,
सीता, रामायण की नायिका, एक आदर्श पत्नी, बेटी और नारीत्व का प्रतीक हैं, जो पतिव्रता, धैर्यवान और दृढ़ निश्चयी हैं, उन्होंने विपत्तियों का सामना करते हुए भी अपने पति राम के प्रति अटूट प्रेम और निष्ठा दिखाई |
सीता के चरित्र के मुख्य पहलू:
आदर्श पत्नी:
सीता को उनकी पतिव्रता और राम के प्रति अटूट प्रेम के लिए जाना जाता है |
धैर्यवान और दृढ़ निश्चयी:
सीता ने वनवास, हरण और रावण के राज्य में कठिन परिस्थितियों का सामना किया, लेकिन उन्होंने कभी भी अपना धैर्य नहीं खोया और पति के प्रति अपनी निष्ठा बनाए रखी |
सहनशील:
सीता ने रावण के अत्याचारों और प्रलोभनों का सामना किया, लेकिन वे कभी भी अपने सिद्धांतों से विचलित नहीं हुई |
सत्यनिष्ठ:
सीता ने अग्नि परीक्षा में अपनी सच्चाई साबित की, जो उनके चरित्र की सत्यनिष्ठा और पवित्रता का प्रमाण है |
नारीत्व का प्रतीक:
सीता को हिंदू धर्म में नारीत्व और पत्नीत्व के आदर्श मॉडल के रूप में पूजा जाता है |
अन्य नाम:
सीता को जानकी, वैदेही और सिया के नाम से भी जाना जाता है |