मनुष्य में सुंदरता की कमी हो तो अच्छे आचरण से पूरी की जा सकती है,पर अच्छे आचरण की कमी हो तो वह सुंदरता से पूरी नही की जा सकती

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विपरीत परिस्थिति में समय, सत्ता, संपत्ति व काया हमारा साथ दे या ना दे,
लेकिन मानव का स्वभाव, बुद्धिमता व उसके सच्चे रिश्ते सदैव साथ देते हैं…

स्मरण रहे प्रेम से भरे हुए नेत्र श्रद्धा से झुका शीश, सहयोग करते हुए हाथ, सन्मार्ग पर चलते हुए पाँव और सत्य से जुड़ी हुई जीभ ईश्वर को अतिप्रिय है…

व्यक्ति पर ध्यान केंद्रित करने की अपेक्षा व्यक्तित्व पर ध्यान दीजिये, अधिकांशतः सुंदर पुष्प में भी कीड़े पाये जाते हैं,
एवं उपेक्षित पत्थरों में भी हीरे मिल जाते हैं…
पानी कितना भी गन्दा क्यों न हो किन्तु आग बुझाने के काम तो आ ही जाता है।
स्मरण रहे व्यक्ति महत्वपूर्ण नही अपितु व्यक्तित्व महत्वपूर्ण है !!!

मनुष्य में सुंदरता की कमी हो तो अच्छे आचरण से पूरी की जा सकती है,
पर अच्छे आचरण की कमी हो तो वह सुंदरता से पूरी नही की जा सकती…

स्मरण रहे जिस वक्त हम किसी का अपमान कर रहे होते हैं उस वक्त हम अपना सम्मान खो रहे होते हैं !!!!

किसी की अच्छाई का इतना फायदा न उठायें कि वो बुरा बननें के लिये मजबुर हो जायें…
स्मरण रहे कि बुरा हमेशा वही बनता है जो पहले अच्छा बनकर टूट चुका होता हैं…
अगर अपना रूठ जाए तो तुरंत मना लेना, क्योंकि अहम् की लड़ाई में जुदाई हमेशा जीत जाती हैं !!!!

जीवन में स्वास्थ्य सबसे बड़ा उपहार है,
संतुष्टि सबसे बड़ी सम्पत्ति है,
मुस्कराहट सबसे बड़ी ताकत है,
और वफादारी सबसे अच्छा रिश्ता है !!

श्री कृष्ण कहते हैं…

अपने चेहरे पर सदा एक प्यारी मुस्कान रखिए,
ताकि कोई उदास व्यक्ति भी आपको देखकर खुश हो जाए…

मुस्कान सिर्फ़ चेहरा नहीं बदलती,
किसी का दिन भी बदल देती है !!!!

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