साइनस//साइनस नाक का एक रोग है। आयुर्वेद में इसे प्रतिश्याय नाम से जाना जाता है। सर्दी के मौसम में नाक बंद होना, सिर में दर्द होना, आधे सिर में बहुत तेज दर्द होना, नाक से पानी गिरना इस रोग के लक्षण हैं।

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साइनस (SINUS )

साइनस नाक का एक रोग है। आयुर्वेद में इसे प्रतिश्याय नाम से जाना जाता है। सर्दी के मौसम में नाक बंद होना, सिर में दर्द होना, आधे सिर में बहुत तेज दर्द होना, नाक से पानी गिरना इस रोग के लक्षण हैं। इसमें रोगी को हल्का बुखार, आंखों में पलकों के ऊपर या दोनों किनारों पर दर्द रहता है….

किसी को सिर दर्द हो रहा है या किसी को ठंड लग रही है तो यह एक आम बीमारी के लक्षण हो सकते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इनके ये लक्षण भी किसी गंभीर बीमारी को पैदा कर सकते हैं। उस गंभीर बीमारी का नाम है साइनसाइटिस। जी हां, इसके लक्षणों में भी सर्दी, जुखाम, सिरदर्द आदि आते हैं। यह नाक के आसपास सूजन पैदा कर देती है। बता दें कि यह समस्या किसी भी संक्रमण के कारण हो सकती है। किसी बच्चे को दर्द हो रहा है या नहीं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि किसी व्यक्ति को साइनसाइटिस है या नहीं। आज इस लेक के माध्यम से जानते हैं कि

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इसके लक्षण क्या होते हैं?
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1..खाने का स्वाद या किसी भी गंध को सही सेना पर रख पाना।

2.. नाक बंद होने के कारण सांस लेने में तकलीफ महसूस करना।

3- कानों में दर्द महसूस करना

4- दांतों में दर्द या ऊपरी जबड़े में दर्द महसूस करना

5- रात में खांसी होना

6- गले में खराश होना

7- मुंह से बदबू का आना

8- चिड़चिड़ापन महसूस करना या थकान महसूस होना

9- उल्टी काजी मत लाना

ध्यान दें कि क्रॉनिक साइनस और एक्यूट साइनस के लक्षण एक समान होते हैं लेकिन क्रॉनिक साइनस के लक्षण अधिक समय तक दिखाई देते हैं। वही एक्टिव साइनस कम समय के लिए होता है। एक्यूट साइनस में व्यक्ति को बुखार हो सकता है लेकिन क्रॉनिक साइनस में बुखार नहीं आता..

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साइनस के कारण(causes of sinus)
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साइनस के पीछे अनेक कारण छिपे होते हैं ऐसे में मुख्य कारणों की बात की जाए तो नाक में तरल पदार्थ का इकट्ठा हो जाना सबसे बड़ा कारण होता है इसके अलावा निम्न कारण यह भी हैं-

1- प्रदूषण के कारण बलगम बढ़ना

2- बैक्टीरिया के कारण

3- किसी वायरस के कारण

4- नाक में रोगाणुओं के पैदा होने पर नाक के गले में सूजन के कारण।

5- जैसे कि किसी भी व्यक्ति बीमारी का शिकार हो जाता है तो उसकी इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है, जिसके कारण भी साइनस हो सकता है।

6- जानवरों के बाल, धूल, मिट्टी आदि से एलर्जी के कारण।

7- जिस व्यक्ति की नाक की हड्डी टेढ़ी हो या नाक की अंदरूनी बनावट ठीक ना हो उसे भी साइनस की बीमारी हो सकती है।

8- अधिक धूम्रपान करने वाले लोगों को साइनस हो सकता है।

9- दांत में संक्रमण के कारण भी साइनस की परेशानी देखी गई है।

जो लोग अस्थमा से ग्रस्त होते हैं वे भी साइनस के शिकार हो सकते हैं।…

साइनस रोग से पीड़ित हज़ारो लोगो को हमने अपने द्वारा बनाई गयी स्पेशल साइनस मेडिसिन से उनको इस बीमारी से बिलकुल ठीक किया है…

♦️साइनस फीडबैक♦️

रोगी का नाम =पारूल जी

एड्रेस = Parul pal badgaon Thane ke samne pin 247452 dist saharanpur post badgaon

प्रॉब्लम = नाक की हड्डी बढ़ना + सर्दी, खांसी, जुखाम, छीके आना + नाक बंद होना… साइनस बीमारी…

समय = 10 सालो से

प्रॉब्लम.. काफ़ी समय से..
अब तक कई जगह ट्रीटमेंट लिया रिजल्ट00…

हमारे यहां से ट्रीटमेंट लिया ऑनलाइन ही घर बैठे..

60 दिन में प्रॉब्लम जड़ से ठीक 80%.. रिजल्ट क़े साथ..

आयुर्वेदिक हर्बल ट्रीटमेंट द्वारा

♦️साइनस किट ♦️

1 = ब्लैक सिरप

2 = नॉस ड्रॉप

3 = व्हाइट ड्रॉप

4 = सीतो पाउडर

जहाँ लोग साइनस की प्रॉब्लम से परेशान होकर जिंदगी भर दवाइयां खाकर भी ठीक नहीं होते फिर लास्ट सर्जरी है ऑप्शन चुनते है…

लेकिन हमारे साइनस के आयुर्वेदिक कोर्स से अब तक हजारों पेशेंट सही हुए है..

हमने सभी पेशेंट क़े फीडबैक भी ग्रुप शेयर किए हैं जिससे जो पेशेंट इस प्रॉब्लम को झेल रहे हैं वह जल्द से जल्द अपनी प्रॉब्लम से छुटकारा पर सके..

अगर आपको किसी बीमारी का इलाज करवाना हो तो आप बीमारी के बारे में बताकर या परेशानी के बारे मे बता कर आयुर्वेदिक औषधियां मंगवा सकते हैं।..

किसी भी जानकारी के लिए या ट्रीटमेंट के लिए आप पहले हमें अपनी प्रॉब्लम व्हाट्सप्प कर दीजिये समय मिलते ही आपको जवाब दिया जायेगा…

सभी सुखी और निरोगी रहे

शिवाय आयुर्वेदिक सेंटर
आयुर्वेदिक डॉ रोहित गुप्ता
7906873221

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