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यूँ तो आदिशक्ति के अनेक नाम है किंतु वो सभी नाम उनके गुण,रूप, ओर कर्म के कारण ब्रह्मांड में विख्यात हुए हैं, जैसे दुर्गम राक्षस को मारने के कारण दुर्गा नाम पड़ गया अपने शरीर पर शाक सब्जी लेकर प्रकट होने के कारण शाकंभरी नाम पड़ गया काली रूप धरने के कारण कालिका नाम पड़ गया बगुलामुखी रूप धरने के कारण बगुलामुखी नाम पड़ गया इत्यादि ऐस अनेक नाम हैं जो आदिशक्ति के रूप, कर्म, ओर गुण के कारण प्रसिद्ध हुए हैं किंतु सर्व प्रथम नाम क्या है,❓इस विषय मे पुराणोक्त वक्तव्य यह है।🙏🏻🚩

ब्रह्मांड,सृष्टि के आरम्भ में सबसे पहले केवल परमात्मा शिव ही अकेले थे आदिशक्ति परमात्मा शिव के अर्धांग में निवास करती हैं,एक बार परमात्मा शिव के मन मे एक से दो होने का विचार आया तब परमात्मा शिव ने अपने अर्ध शरीर से एक शक्तिपुंज को प्रकट किया था तब उस शक्ति ने परमात्मा शिव को प्रणाम किया और तब उस शक्ति से परमात्मा शिव ने कहा की हे शिवा तुम मेरी ही शक्ति हो सदैव मेरे अर्धांग में निवास करती हो हम दोनों एक दूसरे से भिन्न नही है अतः आज एक से दो होकर हम दोनों को सृष्टि के कल्याण हेतु कार्य करने हैं मैं अपनी बाई भुजा से एक पुरुष को उतपन्न करूँगा ओर दाई भुजा से भी एक पुरुष को उतपन्न करूँगा ओर अपने हृदय से अपने ही स्वरूप रुद्र को प्रकट करूँगा।अतः हे शिवा देवी तुम भी अपने शरीर से ऐसी ही तीन उत्तम नारियों की रचना करो तब आदिशक्ति ने काली,लक्ष्मी,ओर सरस्वती इन तीन शक्तियों की नारी रूप में उत्पति की ओर फिर इन तीनो शक्तियों को आपस मे एक दूसरे को दे दिया विष्णु को लक्ष्मी जी दे दी ब्रह्मा जी को सरस्वती दे दी और रुद्र को काली दे दी इन तीनो पर सृष्टि के निर्माण,पालन,ओर संहार का कार्य सौंप कर शिव और शिवा देवी स्वछंद विहार करते हैं।🙏🏻🚩

क्योंकि सबसे पहले आदिशक्ति को शिव जी ने ही शिवा कहकर सम्बोधित किया था इसलिए आदिशक्ति का सर्वप्रथम नाम शिवा है क्योंकि ब्रह्मा, विष्णु,रुद्र,लक्ष्मी,काली, सरस्वती इन तीनो की उतपत्ति शिव और शिवा के द्वारा ही हुई है और उसके बाद शेष ब्रह्मांड,लोक,परलोक,की सृष्टि हुई है तो इसलिए आदिशक्ति का सर्वप्रथम नाम शिवा देवी है जो कि परमेश्वर शिव के मुख से ही सर्वप्रथम आदिशक्ति के लिए उच्चारित हुआ था।🙏🏻🚩

परमेश्वर ओर परमेश्वरी श्री शिव,शिवा,देवी के शुभ चरणों मे सादर प्रणाम।
।। जय सियाराम जी।।
।। ॐ नमः शिवाय।।

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