आज का पंचाग
शुक्रवार 14 मार्च 2025
14 मार्च 2025 दिन शुक्रवार फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा उपरांत प्रतिपदा तिथि है। आज श्री चैतन्य महाप्रभु जी की जन्म जयन्ती भी आज ही है।आज भगवान श्रीविष्णु का झोला उत्सव भी है। आज ही काशी एवं अन्यत्र सभी क्षेत्रों में होली का उत्सव अथवा रंगों का पवित्र त्यौहार भी मनाया जाएगा। आप सभी सनातनियों को “प्रेम और आनंद के इस अद्भुत उत्सव होली अथवा धूलंडी के इस पवित्र त्यौहार” की हार्दिक शुभकामनाएं एवं अनंतानंत बधाइयां ।।
ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ॥
🌌 दिन (वार) – शुक्रवार के दिन दक्षिणावर्ती शंख से भगवान विष्णु पर जल चढ़ाकर उन्हें पीले चन्दन अथवा केसर का तिलक करें। इस उपाय में मां लक्ष्मी जल्दी प्रसन्न हो जाती हैं।
शुक्रवार के दिन नियम पूर्वक धन लाभ के लिए लक्ष्मी माँ को अत्यंत प्रिय “श्री सूक्त”, “महालक्ष्मी अष्टकम” एवं समस्त संकटो को दूर करने के लिए “माँ दुर्गा के 32 चमत्कारी नमो का पाठ” अवश्य ही करें ।
शुक्रवार के दिन माँ लक्ष्मी को हलवे या खीर का भोग लगाना चाहिए ।
शुक्रवार के दिन शुक्र ग्रह की आराधना करने से जीवन में समस्त सुख, ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है, दाम्पत्य जीवन सुखमय होता है बड़ा भवन, विदेश यात्रा के योग बनते है।
🔮 शुभ हिन्दू नववर्ष 2024 विक्रम संवत : 2081 पिंगल संवत्सर विक्रम : 1946 क्रोधी
🌐 संवत्सर नाम पिंगल
🔯 शक सम्वत : 1946 (पिंगल संवत्सर)
☸️ काली सम्वत् 5125
🕉️ संवत्सर (उत्तर) पिंगल
☣️ आयन – उत्तरायण
☀️ ऋतु – सौर बसंत ऋतु
🌤️ मास – फाल्गुन मास
🌕 पक्ष – शुक्ल पक्ष
📆 तिथि – शुक्रवार फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि 12:24 PM तक उपरांत प्रतिपदा
✏️ तिथि स्वामी – पूर्णिमा तिथि पूर्णत्व की तिथि मानी जाती है. इस तिथि के स्वामी स्वयं चन्द्र देव हैं. इस दिन सूर्य और चन्द्रमा समसप्तक होते हैं।
💫 नक्षत्र – नक्षत्र उत्तर फाल्गुनी पूर्ण रात्रि
🪐 नक्षत्र स्वामी – उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के स्वामी सूर्य देव हैं. तथा नक्षत्र का स्वामी सूर्य है।
⚜️ योग – शूल योग 01:23 PM तक, उसके बाद गण्ड योग
⚡ प्रथम करण : बव – 12:23 पी एम तक
✨ द्वितीय करण – बालव – 01:26 ए एम, मार्च 15 तक कौलव
🔥 गुलिक काल : – शुक्रवार को शुभ गुलिक प्रात: 7:30 से 9:00 तक ।
⚜️ दिशाशूल – शुक्रवार को पश्चिम दिशा का दिकशूल होता है।यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से दही में चीनी या मिश्री डालकर उसे खाकर जाएँ ।
🤖 राहुकाल -दिन – 11:13 से 12:35 तक राहु काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए |
🌞 सूर्योदयः- प्रातः 06:06:00
🌅 सूर्यास्तः- सायं 05:54:00
👸🏻 ब्रह्म मुहूर्त : 04:55 ए एम से 05:44 ए एम
🌇 प्रातः सन्ध्या : 05:20 ए एम से 06:32 ए एम
🌟 अभिजित मुहूर्त : 12:06 पी एम से 12:54 पी एम
🔯 विजय मुहूर्त : 02:30 पी एम से 03:18 पी एम
🐃 गोधूलि मुहूर्त : 06:26 पी एम से 06:51 पी एम
🏙️ सायाह्न सन्ध्या : 06:29 पी एम से 07:41 पी एम
💧 अमृत काल : 12:56 ए एम, मार्च 15 से 02:42 ए एम, मार्च 15
🗣️ निशिता मुहूर्त : 12:06 ए एम, मार्च 15 से 12:54 ए एम, मार्च 15
🚓 यात्रा शकुन-शुक्रवार को मीठा दही खाकर यात्रा पर निकलें।
👉🏼 आज का मंत्र-ॐ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:।
💁🏻 आज का उपाय-लक्ष्मी मंदिर में पलाश के पुष्प और गुलाल चढ़ाएं।
🪵 वनस्पति तंत्र उपाय-गूलर के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
⚛️ पर्व एवं त्यौहार – स्नान दान पूर्णिमा/धुरेड़ी (फाग उत्सव)/ धुलिवंदन (धुलेंडी, धुलेंडी)/ चैतन्य जयन्ती/ पूरिम(ज्यू – यहूदी)/ दोलयात्रा (बंगाल)/ होलाष्टक समाप्ति/ खग्रास चंद्रग्रहण (यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इस कारण इस ग्रहण के नियमों का पालन करना आवश्यक नहीं है)/ गुरुमुख निहाल सिंह जयन्ती, शंकरन कुट्टी कुंजिरामन पोट्टेक्कट जयन्ती, फरीदा जलाल जन्म दिवस, विजय यादव जन्म दिवस, अभिनेता आमिर खान जन्म दिवस, इरोम चानू शर्मिला जयंती, पाई दिवस, नदियों के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस, और विश्व गुर्दा दिवस, अंतर्राष्ट्रीय गणित दिवस, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री जयनारायण व्यास स्मृति दिवस, दिल्ली के भूतपूर्व मुख्यमंत्री गुरमुख निहाल सिंह जन्म दिवस, मराठी कवि गोविंद विनायक करंदीकर (विंदा करंदीकर) स्मृति दिवस
✍🏼 तिथि विशेष – पूर्णिमा को घी एवं प्रतिपदा को कुष्मांड खाना एवं दान करना दोनों वर्जित बताया गया है। पूर्णिमा तिथि एक सौम्य और पुष्टिदा तिथि मानी जाती है। इसके देवता चन्द्रमा हैं तथा यह पूर्णा नाम से विख्यात है। यह शुक्ल पक्ष में ही होती है और पूर्ण शुभ फलदायी मानी गयी है।
🏘️ *_Vastu tips_* 🏚️
अगर बाथरूम की टाइल्स की बात करें तो हमेशा लाइट कलर का उपयोग करें, गहरे रंग की टाइल्स न लगाएं। टाइल्स का रंग सफेद, आसमानी या ब्लू होना चाहिए। ये रंग बाथरूम को बिलकुल फ्रेश लुक देते हैं। वहीं काले और लाल जैसे गहरे रंगों से बचें। यहां तक कि वास्तु के हिसाब से बाथ रूम में रखी बाल्टी के रंग का भी ध्यान रखना चाहिए। बाथरूम में नीले रंग की बाल्टी रखें। वास्तु के अनुसार यह शुभ भाग्य का वाहक है। इससे घर में खुशियां आती हैं।
वास्तु शास्त्र के मुताबिक, सीढ़ियों के नीचे कभी भी पूजाघर, रसोई या बाथरुम का निर्माण नहीं करवाना चाहिए। दक्षिण-पूर्व दिशा में शौचालय का निर्माण शुभ नहीं है। इस दिशा में शौचालय होने से धन की हानि संभव है। व्यापार और विकास में बाधा उत्पन्न होगा।
❇️ *_जीवनोपयोगी कुंजियां_* ⚜️
आइए देखते हैं कैसे?
ज्यादा तर पैर की नसें ज्यादा दबती हैं। तो अगर आपके पैर में कहीं की नस दबी है। तो में आपको उपाय बताने जा रही हूं जिनकी मदद से आप अपनी दबी नसें घर पर ही खोल सकते हैं।
अगर आपके पैर में कहीं भी नस दबी है। तो आप पैदल चलना चाहिए। अगर आप पैदल चलते हैं। तो आपकी दबी नसें बहुत जल्द खुल जाती हैं। पैदल चलने से किया होता है। कि जब आप पैदल चलते हैं। तो आपकी नसों में खून का बहाव तेज़ होता है। जिसके प्रेशर से आपकी दबी या बंद नसें खुल जाती हैं।
क्या दबी हुई नस की कोई दवाई है?
अगर हम दबी हुई नसों की दवाईयों के बारे में बात करें तो दवाईयां तो बहुत हैं। लेकिन में आज आपको एक ऐसी क्रीम के बारे में बताने जा रही हूं। जिसका नाम (varikostop) यह क्रीम आपको बहुत राहत पहुंचाएगी।
इस क्रीम से आपको वहां पर मालिश करनी है जहां की नस दबी यह बंद है।
🍻 *_आरोग्य संजीवनी_* 🥃
सिरदर्द में फायदेमंद भांग नसों को रिलैक्स करने का काम कर सकती हैं। अगर बहुत कम मात्रा में ली जाए तो सिरदर्द में फायदेमंद हो सकती है। इससे नींद की समस्या भी दूर होती है। नसों के रिलैक्स होने से नींद आने में परेशानी नहीं महसूस होती है। हालांकि, सिरदर्द और नींद के लिए भांग का प्रयोग करने से पहले एक बार डॉक्टरी सलाह ले लेनी चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि इसकी आदत पड़ सकती है। इसे हमेशा कम मात्रा में मेडिकल प्रैक्टिशनर की अनुमति से ही लेना चाहिए।
डाइजेशन के लिए अच्छी होती है भांग यह आयुर्वेद के हिसाब से है। भांग की पत्तियां डाइजेशन को सुधारने का काम करती है। सुबह उठने के बाद खाली पत्तियों को चबाया भी जा सकता है। इससे पेट की समस्याओं में राहत मिलती है। हालांकि, ये भी कम मात्रा में लिया जाए तो ही अच्छा होगा। ज्यादा मात्रा में इसे लेकर आप तबीयत खराब भी कर सकते हैं।
दर्द और सूजन में मददगार नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पब्लिश एक स्टडी बताती है कि भांग की मदद से शरीर की सूजन और न्यूरोपैथिक पेन भी कम हो सकता है। भांग शरीर के ग्लाइसीन रिसेप्टर्स पर असर करती है जिससे फर्क पड़ता है।
📖 *_गुरु भक्ति योग_* 🕯️
*_एक बार गरुड़ ने भगवान विष्णु से प्राणियों की मृत्यु, यमलोक यात्रा, नरक-योनियों तथा सद्गति के बारे में अनेक गूढ़ और रहस्य युक्त प्रश्न पूछे। उन्हीं प्रश्नों का भगवान विष्णु ने सविस्तार उत्तर दिया। ये प्रश्न और उत्तर की श्रृंखला ही गरुड़ पुराण है। गरुड़ पुराण में स्वर्ग-नरक, पाप-पुण्य के अलावा भी बहुत कुछ है। उसमें ज्ञान, विज्ञान, नीति, नियम और धर्म की बाते हैं। गरुड़ पुराण में एक ओर जहां मौत का रहस्य है तो दूसरी ओर जीवन का रहस्य छिपा हुआ है। इससे हमें कई तरह की शिक्षाएं मिलती हैं। गरुड़ पुराण में, मृत्यु के पहले और बाद की स्थिति के बारे में बताया गया है। यह पुराण भगवान विष्णु की भक्ति और उनके ज्ञान पर आधारित है। प्रत्येक व्यक्ति को यह पुराण पढ़ना चाहिए। गरुड़ पुराण हिन्दू धर्म के प्रसिद्ध धार्मिक ग्रंथों में से एक है। 18 पुराणों में से इसे एक माना जाता है। गरुड़ पुराण में हमारे जीवन को लेकर कई गूढ़ बातें बताई गई हैं जिनके बारें में व्यक्ति को जरूर जनाना चाहिए।क्यों सुनाते हैं इसे मृत्यु के बाद_*
*_इसमें मृत्यु के पहले और बाद की स्थिति के बारे में बताया गया है इसीलिए यह पुराण मृतक को सुनाया जाता है। 13 दिनों तक मृतक अपनों के बीच ही रहता है। इस दौरान गरुड़ पुराण का पाठ रखने से वह स्वर्ग-नरक, गति-सद्गति, अधोगति, दुर्गति आदि कई तरह की गतियों के बारे में जान लेता है। आगे की यात्रा में उसे किन-किन बातों का सामना करना पड़ेगा, कौन से लोक में उसका गमन हो सकता है, ये सभी वह गरुड़ पुराण सुन कर जान लेता है।_*
*_मृत्यु के उपरांत घर में इसका पाठ होता है तो इस बहाने मृतक के परिजन यह जान लेते हैं कि बुराई क्या है और सद्गति किस तरह के कर्मों से मिलती है ताकि मृतक और उसके परिजन दोनों ही यह भली-भांति जान लें कि उच्च लोक की यात्रा करने के लिए कौन से कर्म करने चाहिएं।गरुड़ पुराण हमें सत्कर्मों के लिए प्रेरित करता है। सत्कर्म और सुमति से ही सद्गति और मुक्ति मिलती है। गरुड़ पुराण में व्यक्ति के कर्मों के आधार पर दंड स्वरूप मिलने वाले विभिन्न नरकों के बारे में बताया गया है। गरुड़ पुराण के अनुसार कौन-सी चीजें व्यक्ति को सद्गति की ओर ले जाती हैं, इस बात का उत्तर भगवान विष्णु ने दिया है। इसमें हमारे जीवन को लेकर कई गूढ़ बातें बताई गई हैं। गरुड़ पुराण के 19 हजार श्लोकों में से बचे 7 हजार श्लोकों में गरुड़ पुराण में ज्ञान, धर्म, नीति, रहस्य, व्यावहारिक जीवन, आत्मा, स्वर्ग-नरक और अन्य लोकों का वर्णन मिलता है। इसमें भक्ति, ज्ञान, वैराग्य, सदाचार, निष्काम कर्म की महिमा के साथ यज्ञ, दान, तप, तीर्थ आदि शुभ कर्मों में सर्व-साधारण को प्रवृत्त करने के लिए लौकिक और पारलौकिक फलों का वर्णन किया गया है। पूर्व जन्म में जातक ने जैसे कर्म किए होते हैं, उन्हीं के आधार पर वह पृथ्वी पर नया जन्म लेता है।_*
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⚜️ हमारे वैदिक सनातन धर्म में हर मास की पूर्णिमा को कोई-न-कोई व्रत-त्यौहार होता ही है। जिनकी कुण्डली में चन्द्रमा की दशा चल रही हो उसे पूर्णिमा के दिन उपवास रखना अर्थात व्रत करना चाहिये। जिनके बच्चे कफ रोगी हों अर्थात सर्दी, जुकाम, खाँसी और निमोनियाँ समय-समय पर होती रहती हो उनकी माँ को वर्षपर्यन्त पूर्णिमा का व्रत करना और चन्द्रोदय के बाद चंद्रार्घ्य देकर व्रत तोड़ना चाहिये।।
पूर्णिमा माता लक्ष्मी को विशेष प्रिय होती है। इसलिये आज के दिन महालक्ष्मी की विधिवत पूजा करने से मनोवान्छित कामनाओं की सिद्धि होती है। पूर्णिमा को शिवलिंग पर शहद, कच्चा दूध, बिल्वपत्र, शमीपत्र, फुल तथा फलादि चढ़ाकर भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से शिव की कृपा सदैव बनी रहती है। पूर्णिमा को शिव पूजन में सफ़ेद चन्दन में केशर घिसकर शिवलिंग पर चढ़ाने से घर के पारिवारिक एवं आन्तरिक कलह और अशान्ति दूर होती है।।
*_Gopi Ram_*
*_(ज्योतिषाचार्य)_*
*_मो.9812224501_*
*_सम्पूर्ण -------🖌_*