भगवान राम और श्री कृष्ण दोनों ही भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं लेकिन भगवान राम ने कभी इस बात को नहीं जताया कि उनमें ईश्वरीय शक्ति है। राम ने सामान्य मनुष्य की भांति पत्नी के विराह में आंसू बहाए, पत्नी के वियोग में भूमि पर सोए। दूत भेजकर शत्रु की ताकत का अंदाजा लिया। लेकिन श्री कृष्ण ने समय-समय अद्भुत लीला दिखाकर लोगों को विश्वास दिलाया कि वह सोलह कलाओं से संपन्न मानव नहीं महामानव विष्णु के अवतार हैं। तो देखिए भगवान श्री कृष्ण की वह 10 प्रमुख लीलाएं जिनसे लोगों ने इन्हें भगवान माना।
श्री कृष्ण ने कंस के कारावास में जन्म लिया और इनका जन्म होते ही कारावास के दरवाजे खुल गए और प्रहरी गहरी नींद में सो गए। साथ ही आकाशवाणी भी हुई कि बच्चे को नंदगांव में नंदराय जी के घर पहुंचा दो और नंदराय की नवजात कन्या को लेकर आ जाओ। यह श्री कृष्ण के महामानव होने का पहला संकेत था”
कंस को जब कृष्ण जन्म की सूचना मिली तो पूतना नाम की राक्षसी को कृष्ण को मारने के लिए भेजा। पूतना ने कृष्ण को चुरा लिया और अपने वक्ष पर जहर लगाकर उन्हें अपना दूध पिलाने लगी। श्री कृष्ण ने पूतना के वक्ष स्थल से उसके प्राण ही खींच लिए और विशालकाय राक्षसी खुद मृत्यु को प्राप्त हो गई। जिन्होंने श्री कृष्ण की इस लीला को देखा वह हैरान था क्योंकि पूतना ने नंदगांव के सभी नवजात बच्चों को मार डाला था लेकिन नन्हें कृष्ण ने पूतना को ही यमपुरी पहुंचा दिया। उसी समय से लोगों ने कहना शुरु कर दिया कृष्ण सामान्य मनुष्य नहीं कोई महामानव हैं”
कालिया नाग को कंस ने यमुना में भेज दिया। इसके जहर से यमुना का जल काला पड़ गया। इस जल को पीने से पशु पक्षी और लोग मरने लगे। नंदगांव के लोग सोचने लगे कि अब गांव छोड़कर कहीं और बसना पड़ेगा लेकिन श्री कृष्ण को ऐसा होना मंजूर नहीं था। एक दिन खेल खेल में श्री कृष्ण यमुना नदी में कूद पड़े और पहुंच गए कालिया नाग के सामने। कालिया का वध कृष्ण करने ही वाले थे कि नाग कन्याएं प्राण की रक्षा की प्रार्थना करने लगी। श्री कृष्ण ने कालिया को नंद गांव से दूर जाने के लिए कह कर माफ कर दिया। कालिया ने श्री कृष्ण के सामने सिर झुका दिया और श्री कृष्ण ने कालिया के फन पर खड़े होकर नटराज के रूप में नृत्य करना शुरू कर दिया। नंद गांव के लोगों ने जब इस दृश्य को देखा तो हैरान रह गए और उन्हें विश्वास होने लगा कि श्री कृष्ण महामानव हैं।
इंद्र द्वारा मूसलाधार बरसात किए जाने पर नंदगांव के पशुओं और लोगों की रक्षा के लिए श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठा लिया और कई दिनों तक सक कुछ सामान्य चलता रहा तब इंद्र को माफी मांगने के लिए श्री कृष्ण के सामने आना पड़ा। जब लोगों ने श्री कृष्ण की यह लीला देखी तो उन्हें पूरा यकीन हो गया कि श्री कृष्ण मनुष्य रूप में भगवान हैं। और श्री कृष्ण के कहने पर गोवर्धन पर्वत की पूजा शुरू कर दी और तभी से हर साल गोवर्धन पर्वत की पूजा की परंपरा चली आ रही है।script :amarujala. com
श्री कृष्ण ने समय-समय अद्भुत लीला दिखाकर लोगों को विश्वास दिलाया कि वह सोलह कलाओं से संपन्न मानव नहीं महामानव विष्णु के अवतार हैं। तो देखिए भगवान श्री कृष्ण की वह 10 प्रमुख लीलाएं जिनसे लोगों ने इन्हें भगवान माना

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