मीराबाई हो गई जोगन// मीराबाई ने सांसारिक जीवन त्यागकर साध्वी या जोगन (संन्यासिनी) का जीवन अपना लिया। उन्होंने राजसी जीवन छोड़कर भगवान कृष्ण की भक्ति में अपना जीवन समर्पित कर दिया, जो कि उनकी प्रसिद्ध जोगन (साध्वी) की छवि को दर्शाता है।

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मीराबाई हो गई जोगन”

अर्थ है कि मीराबाई ने सांसारिक जीवन त्यागकर साध्वी या जोगन (संन्यासिनी) का जीवन अपना लिया। उन्होंने राजसी जीवन छोड़कर भगवान कृष्ण की भक्ति में अपना जीवन समर्पित कर दिया, जो कि उनकी प्रसिद्ध जोगन (साध्वी) की छवि को दर्शाता है।

मीराबाई, एक राजपूत राजकुमारी थीं, जिन्होंने भगवान कृष्ण के प्रति अपनी गहरी भक्ति के कारण राजसी जीवन त्याग दिया और साध्वी का जीवन अपनाया।
राजसी जीवन का त्याग:
मीराबाई ने अपने महल, परिवार और सामाजिक प्रतिष्ठा को त्याग दिया, जो कि एक असाधारण निर्णय था।
जोगन का जीवन:
उन्होंने जोगन (संन्यासिनी) का रूप धारण किया, जिसका अर्थ है कि उन्होंने सांसारिक इच्छाओं और सुखों को त्यागकर, भगवान की भक्ति में अपना जीवन समर्पित कर दिया।
कृष्ण भक्ति:
मीराबाई कृष्ण भक्त थीं और उनके भजन और कविताएँ उनकी कृष्ण के प्रति अटूट प्रेम और भक्ति को दर्शाती हैं।
लोकप्रियता:
मीराबाई के भजनों और कविताओं ने उन्हें भारत में एक लोकप्रिय और पूजनीय संत के रूप में स्थापित किया है।
इसलिए, “मीराबाई हो गई जोगन” का अर्थ है कि मीराबाई ने अपने जीवन का मार्ग बदल दिया और भगवान कृष्ण की भक्ति में एक साध्वी के रूप में जीवन व्यतीत करने का फैसला किया।

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