परवरिश और संस्कार भी बहुत मायने रखते हैं, क्योंकि “सिर्फ पढ़ लिखकर कोई अच्छा इंसान नहीं बन सकता…यदि दूसरों को अपनी गलती का एहसास ना भी हो तब भी उन्हें माफ कर देना क्योंकि गुस्से को पकड़ कर रखना हमें ही दुख देता है ना कि उनको

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यदि दूसरों को अपनी गलती का एहसास ना भी हो तब भी उन्हें माफ कर देना क्योंकि गुस्से को पकड़ कर रखना हमें ही दुख देता है ना कि उनको।

आज से हम दूसरों को माफ करके खुद को चोट पहुंचाना बंद करें…

आज का अनमोल विचार

एक चिंतन…………………………….

परवरिश और संस्कार भी बहुत मायने रखते हैं,…….!!!!!
” क्योंकि “
सिर्फ पढ़ लिखकर कोई अच्छा इंसान नहीं बन सकता……..!!!!

लहजा समझ आ जाता है मुझे हर किसी का,………!!!!
” मगर “
बस उन्हें शर्मिंदा करना, मेरे मिजाज में नहीं है…….!!!!!

कभी भी किसी ऐसे व्यक्ति को अपनी प्राथमिकता न बनने देना…….!!!!,
” क्योंकि “
जो आपको विकल्प समझता हो…….!!!

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