त्र्यंबकेश्वर मंदिर//महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। यह बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है और भगवान शिव को समर्पित है।यहां भगवान शिव, विष्णु और ब्रह्मा का वास है, जो त्र्यंबक के रूप में जाने जाते हैं।

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त्र्यंबकेश्वर मंदिर, महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। यह बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है और भगवान शिव को समर्पित है। मंदिर का निर्माण काले पत्थरों से हुआ है और इसकी वास्तुकला नागर शैली की है। 
त्र्यंबकेश्वर मंदिर का अत्यधिक धार्मिक महत्व है।

कहा जाता है कि यहां भगवान शिव, विष्णु और ब्रह्मा का वास है, जो त्र्यंबक के रूप में जाने जाते हैं। यह मंदिर गोदावरी नदी के किनारे स्थित है और कुशावर्त कुंड (पवित्र तालाब) भी यहीं है। 

त्र्यंबकेश्वर मंदिर में कालसर्प शांति, त्रिपिंडी विधि और नारायण नागबली जैसी पूजाएं की जाती हैं। भक्तजन अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए ये पूजाएं कराते हैं

त्र्यंबकेश्वर मंदिर का निर्माण पेशवा बालाजी बाजीराव (नाना साहब पेशवा) ने करवाया था। यह मंदिर 1755 से 1786 के बीच बनाया गया था। यह मंदिर काले पत्थरों से बना है और सिंधु-आर्य वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। 
त्र्यंबकेश्वर मंदिर, बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है और यह नासिक जिले में स्थित है। मंदिर का निर्माण पुराने मंदिर के स्थान पर किया गया था। मंदिर के अंदर तीन छोटे-छोटे शिवलिंग हैं, जो ब्रह्मा, विष्णु और महेश का प्रतिनिधित्व करते हैं। 
गौतम ऋषि द्वारा यहां भगवान शिव की तपस्या करने और गंगा नदी को प्रकट करने की पौराणिक कथा भी इस मंदिर से जुड़ी है। 

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