हर जगह एक ऐसा शख्स जरूर होता है जो सारी लड़ाईयाँ करवा के कहता है कि मेरी दिल की तो बस एक ही ख्वाहिश है सब मिल जुलकर रहे…
जो इंसान हर बात पर अपनी ही बात बदल दे उस पर भरोसा करना खुद को धोखा देने जैसा है,
क्योंकि जो आज अपने शब्दों का नहीं है वो कल किसी का नहीं होगा !!
ये ज़माना शकुनि जैसा है,
अच्छे-अच्छे युधिष्ठिर भी यहाँ फस जाते हैं,
मेहनत का पैसा बढ़ता रहता है, हराम का पैसा सब ले डूबता है…
हर चीज ठीक करने की कोशिश में खुद को नहीं खोना है, जो चीज़ हमारी शांति को खा रही है, उसे पीछे छोड़ देना ही बेहतर है !!!

जीवन में खुश रहना है तो दूसरों की तुलना करना छोड़ दो…
अपनी काबिलियत और मेहनत पर भरोसा रखो,
हर इंसान की यात्रा अलग होती है, इसलिए अपनी यात्रा को सुंदर बनाओ, जो आपके पास है, उसकी कद्र करो, और जो पाना है, उसके लिए पूरी लगन से प्रयास करो !!!!
सबसे बड़ी यात्रा की शुरुआत भी पहले कदम से ही होती है…
इसलिए बिना समय गवाए अपने लक्ष्य की और कदम बढ़ाए…
कुछ प्राप्त करने के लिए ज़रूरी नही कि हमेशा दौड़ा ही जाए, कुछ चीजें ठहरने से भी प्राप्त होती है !!!!
कर्म का नियम; जो लोग बांटना जानते हैं उन्हें वापस भी बहुत कुछ मिलता हैं, चाहे धन हो, कपड़े हो, वस्तु हो, प्रेम हो, सम्मान हो…
इसी को ही कर्म का नियम कहते हैं, सत्य एक सर्जरी की तरह है,
यह दर्द देता है लेकिन ठीक भी करता है,
झूठ दर्द निवारक दवा की तरह है, इससे तुरंत राहत मिलती है लेकिन इसके दुष्प्रभाव हमेशा के लिए रहते हैं !!!!!
















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