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जब पत्थर तोड़कर भगवान बन सकते हैं…
तो फिर लोग घमंड तोड़कर इंसान क्यों नहीं बनते…
मन को समझने वाली मां और भविष्य पहचानने वाले पिता…
बस यही दोनों इस दुनिया के एक मात्र ज्योतिषी हैं…
इच्छा पूरी ना हो तब क्रोध बढ़ता है
यदि इच्छा पूरी हो जाए तब लोभ बढ़ता है…
इसलिए जीवन में हर एक स्थिति में धैर्य को रखना ही श्रेष्ठता है…

सुखी मनुष्य अपने आतंरिक जगत् को मजबूत बनाता है और दुखी मनुष्य हर बात के लिए बाह्य जगत् को दोषी ठहराते है।

आज से हम अपने आतंरिक दुनिया को मजबूत करते चलें…



सूखे पत्तों की तरह मत बनाओ अपनी जिंदगी को ,
” वरना “_________
नहीं तो दुनिया में ऐसे बहुत लोग है , जो पत्ते बटोर कर आग लगा देंगे…!!!

जिंदगी के इस रण में खुद ही कृष्ण और खुद ही अर्जुन बनना पड़ता है ,
” क्योंकि “________
रोज अपना ही सारथी बनकर जीवन की महाभारत से लड़ना पड़ता है…!!

स्वयं का दर्द महसूस करना जीवित होने का प्रमाण है ,
” लेकिन “_________
ओरों का दर्द महसूस करना , इंसान होने का प्रमाण है…!!

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