संसार के लोगों में बहुत से दोष भी होते हैं, और गुण भी। “दोष सदा दुख ही देते हैं, स्वयं को भी और दूसरों को भी। गुण सदा सुख ही देते हैं, स्वयं को भी और दूसरों को भी।” “इसलिए दोषों को दूर करना चाहिए, और गुणों को धारण करना चाहिए, ताकि आप सुख पूर्वक जीवन जी सकें।”
तो संसार में जो दोष देखे या माने जाते हैं, “उनमें से सबसे बड़ा दोष है अभिमान करना। प्रायः लोग अभिमान की बुराई करते हैं, कि अभिमान नहीं करना चाहिए। फिर भी वे अभिमान करते हैं। तो यह अच्छी बात नहीं है।” अभिमान से बचना ही ठीक है।
इसी तरह से “सबसे सरल कार्य है दूसरों की बुराई करना। जिसको देखो वही दूसरों की बुराई करने में लगा हुआ है। इस दोष से भी बचना चाहिए।”
“संसार में सबसे कठिन कार्य है ईश्वर का साक्षात्कार करना। इस क्षेत्र में तो दूर-दूर तक कोई दिखता ही नहीं है। करोड़ों में कोई एक आध व्यक्ति होता होगा, जो इस काम में पूरी श्रद्धा बुद्धिमत्ता वैदिक शास्त्रों के अनुसार और ईमानदारी से लगा हुआ हो।”
“और संसार में दान भी बहुत प्रकार के हैं। जैसे धन का दान सुरक्षा दान अन्न का दान भूमि का दान वस्त्र का दान सुवर्ण का दान और वेदों की अध्यात्म विद्या का दान। इन सब दानों में सबसे उत्तम वेदों की अध्यात्म विद्या का दान है। जो लोग दूसरों को वेदों की आध्यात्मिक विद्या सिखाते हैं। आत्मा परमात्मा कर्मफल पुनर्जन्म बंधन मुक्ति आदि कठिन सूक्ष्म विषयों को समझाते हैं, लोगों की भ्रांतियां दूर करते हैं, उनके संशय मिटाते हैं, वे संसार में सबसे बड़ा दान करते हैं।”
“तो इस प्रकार से विचार करके अपने दोषों को दूर करें, और अपने अंदर इन उत्तम गुणों को धारण करें। तभी आपका जीवन सुखमय बनेगा, अन्यथा नहीं।”
—- “स्वामी विवेकानन्द परिव्राजक, निदेशक – दर्शन योग महाविद्यालय, रोजड़, गुजरात.
गरीब रहेंगे तो कोई ध्यान नहीं देगा, मेहनत करेंगे तो सब हंसेंगे और कामयाब होंगे तो सब जलेंगे।यदि आपको कोई रिजेक्ट करता है तब निराश मत होना क्योंकि लोग सस्ती चीजों को पसंद करके घर ले आते हैं
और अक्सर महंगी चीजों को लोग रिजेक्ट कर देते हैं।सब्र करना मित्रों जो आज जलते हैं वे ही कल तालियां बजायेंगे।हर उस शख्स के आंख में चुभने की व्यक्तित्व को
विकसित करें जिससे लोगों की चुभन बढ़े जिसने आपको देखकर कोई कभी नजरें फेरी हों।कोई भी लक्ष्य व्यक्ति के साहस से बढ़कर नहीं है। हारा वही जो लडा नहीं
और जो मुस्कुरा रहा है उसने दर्द को पाला होगा,जो चला होगा उसी के पांव में छाला होगा।बिना संघर्ष के इंसान चमकता नहीं है और और जो जलेगा उसी दीये में उजाला होगा।
॥ जय श्री राम ॥
शुभप्रभात्
Leave a Reply