उनके लिये सवेरे नही होते …जो जिन्दगी मे कुछ भी पाने कीउम्मीद छोड चुके है….,उजाला तो उनका होता है,जो बार बार हारने के बाद कुछपाने की उम्मीद रखे है…

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“उनके लिये सवेरे नही होते …,
जो जिन्दगी मे कुछ भी पाने की
उम्मीद छोड चुके है….,

 उजाला  तो उनका होता है

जो बार बार हारने के बाद कुछ
पाने की उम्मीद रखे है…!!

जो दुसरो के धन, सौन्दर्य, बल, कुल, सुख, सौभाग्य व सम्मान से ईष्या करते हैं। वे सदैव दुखी रहते हैं।।*

: “इच्छायें पूरी नही होती है
तो क्रोध बढ़ता है
और इच्छायें पूरी होती है
तो लोभ बढ़ता है
इसलिए जीवन की हर तरह की परिस्थिति में धैर्य बनाये रखना ही श्रेष्ठता है ।


मनुष्य की चाल धन से भी बदलती
है और धर्म से भी बदलती है

जब धन संपन्न होता है तब अकड़
कर चलता है, और जब धर्म संपन्न होता है,
तो विनम्र होकर चलता है..!!

जिंदगी भले छोटी देना मेरे भगवन्..
मगर देना ऐसी –,
कि सदियों तक लोगो के दिलों मे –
जिंदा रहूँ और हमेशा अच्छे कर्म कर सकूं..!!सुप्रभा पेड़ कभी भी डाली
काटने से नहीं सुखता,
पेड़ हमेशा जड़ काटने से
सूखता हैं….
वैसे ही इंसान अपने
कर्म से ही नहीं बल्कि अपनी
छोटी सोच और गलत
व्यवहार से हारता हैं…..

किसीने खुब सही कहा है ….

खुशीयॉ आये जिंदगी मै तो
चख लेना मिठाई समझ कर

जब गम आये तो वो भी
कभी खा लेना दवाई समझ कर

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