आज का भगवद् चिन्तन
उपयोग करना सीखें 🪷
जगत में कोई भी वस्तु अच्छी अथवा बुरी नहीं होती अपितु उसके उपयोग का प्रकार ही उसके परिणाम को अच्छे अथवा बुरे में बदलता है। विवेक से संयमपूर्ण जगत का भोग किया जाये तो कहीं समस्या नहीं है। पदार्थों में समस्या नहीं है, हमारे उपयोग करने में समस्या है।
कभी-कभी विष की एक अल्प मात्रा भी दवा का काम करती है और दवा की अत्यधिक मात्रा भी विष बन जाती है।
संसार का विरोध करके कोई इससे मुक्त नहीं हुआ अपितु बोध से ही इससे पार पाया जा सकता है। संसार को छोड़ना नहीं, बस समझना है।
अस्तित्व में निरर्थक कुछ भी नहीं है। प्रत्येक वस्तु अपने समय पर और अपनी स्थिति में श्रेष्ठ है, सब वस्तु भगवान की हैं।
कब, कैसे, कहाँ, क्यों और किस निमित्त उसका उपयोग करना है, बस यह समझ में आ जाये तो जीवन को महोत्सव बनने में देर नहीं लगेगी।
जय श्री राधे कृष्ण