15.4.2025
संसार में अच्छे लोग भी हैं, और बुरे भी। किसी के माथे पर नहीं लिखा कि “यह व्यक्ति अच्छा है या बुरा?”
“उसके साथ बातचीत करने से, लेन-देन करने से, वचन निभाने से, पता चलता है कि कौन व्यक्ति कैसा है? किसका मन शुद्ध है? कौन सत्यवादी है? कौन अहिंसक है? कौन न्याय पूर्वक व्यवहार करता है?
इस प्रकार से प्रत्यक्ष अनुमान आदि प्रमाणों से सबका परीक्षण करना चाहिए। फिर जो व्यक्ति आपको ऊपर बताई कसौटी से अच्छा दिखाई दे, उसके साथ व्यवहार रखना चाहिए।”
“दूसरे लोगों में से कुछ लोग, जिनके पूर्व संस्कार अच्छे होंगे, वे आपके हितैषी होंगे, जो आपके साथ न्यायपूर्वक व्यवहार करेंगे, वे आपकी उन्नति को देखकर प्रसन्न होंगे।”
“परंतु जिनके पूर्व संस्कार अच्छे नहीं होंगे,। वे अपने आप को आपसे अधिक अच्छा सिद्ध करने का प्रयास करेंगे। परंतु उनकी योग्यता आदि आप से कम होने के कारण जब वे स्वयं को आपसे उत्तम सिद्ध नहीं कर पाएंगे, तब वे आपसे घृणा करेंगे। वे आपकी उन्नति को देखकर प्रसन्न नहीं होंगे, बल्कि आपसे जलेंगे। जलने के कारण वे आपकी अनेक प्रकार से हानियां करने की योजनाएं बनाएंगे, और आपकी हानियां करेंगे भी।”
“अतः बुद्धिमत्ता से प्रत्यक्ष अनुमान आदि प्रमाणों से सबका परीक्षण करें।
और जो व्यक्ति ठीक दिखाई दे, उसी के साथ व्यवहार रखें। दुष्ट प्रवृत्ति वाले लोगों से सदा सावधान रहें। उनसे बचकर रहें। उनसे द्वेष न करें। परन्तु उनसे अपनी सुरक्षा का ध्यान भी अवश्य रखें।”
—- “स्वामी विवेकानन्द परिव्राजक, निदेशक – दर्शन योग महाविद्यालय, रोजड़, गुजरात.”