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दुख के कई कारण हो सकते हैं: 

इच्छाएं
जब ज़रूरतें पूरी होने लगती हैं, तो इच्छाएं अपना घर बना लेती हैं. जब इच्छाएं पूरी नहीं होतीं, तो दुख होता है. 

दूसरों से उम्मीदें
जब दूसरों से उम्मीदें पूरी नहीं होतीं, तो दुख होता है. 

आसक्ति
किसी के प्रति आसक्ति रखने पर, उसके बिछुड़ने या खो जाने पर दुख होता है. 

अज्ञानता
अज्ञानता के कारण, असंभव आशाएं, तृष्णाएं, और कल्पनाएं की जाती हैं. इन उल्टे दृष्टिकोण के कारण, मामूली-सी बातें भी बड़ी दुखमय लगती हैं. 

अशक्ति
शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, बौद्धिक, या आत्मिक निर्बलता के कारण, मनुष्य अपने अधिकारों का भार नहीं उठा पाता. 

पाप कर्म
पाप कर्मों का फल भोगना पड़ता है. 

बीमारी और चोट
बीमारी और चोट के कारण पीड़ा होती है. 

आपदा
भूकंप, तूफ़ान, बारिश जैसी आपदाएं भी दुख का कारण होती हैं. 

दुख के साथ-साथ खुशियों को भी महसूस करने का अवसर मिलता है. दुख से सीखने का मौका मिलता है और जीवन को सही दिशा में बदला जा सकता

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