आज का भगवद् चिन्तन
जीवन के रंग
मानव जीवन अनेक रंगों से सुसज्जित एक कलाकृति है। यहाँ शांति का सफेद रंग है, खुशहाली का हरा रंग है, सौंदर्य का पीला रंग है, प्रेम का लाल रंग है तो दुःखों का काला रंग भी है।
एक रचना को सुंदर बनाने के लिए सभी रंगों की अपनी -अपनी भूमिका है और सभी रंग अपने आप में महत्वपूर्ण भी हैं।
यहाँ पर व्यक्ति ही भिन्न-भिन्न नहीं हैं अपितु आपके प्रति उनका व्यवहार भी भिन्न-भिन्न ही होता है।
जीवन में एक ही व्यक्ति से सारी उम्मीदें या सभी लोगों से एक ही उम्मीद लगाना ही अनुचित है।
यहाँ कोई सिखायेगा, कोई परखेगा, कोई शोषण करेगा, कोई पोषण करेगा, कोई डरायेगा, कोई जगायेगा और कोई ऐसा भी मिल ही जायेगा जो तुम्हें गले से लगायेगा और पाषाण से मूर्ति की भाँति तुम्हारे सर्वश्रेष्ठ रूप को बाहर लायेगा।
प्रत्येक व्यक्ति से तुम्हारी प्रत्येक मुलाकात कुछ न कुछ अवश्य प्रदान करेगी। विविधता ही जीवन को रंगीन बनाती है।
जय श्री राधे कृष्ण