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आज का भगवद् चिन्तन

🪷 जीवन कल्याण का मूल 🪷

निश्चित ही मनुष्य जीवन परमात्मा द्वारा दिया गया एक श्रेष्ठ उपहार है। मनुष्य जीवन की दुर्लभता जिस दिन किसी के समझ में आ जाएगी उस दिन कोई भी व्यक्ति जीवन का दुरूपयोग नहीं कर पायेगा।

जीवन एक अवसर है श्रेष्ठ बनने का, श्रेष्ठ करने का और श्रेष्ठ को पाने का।

जीवन वो फूल है जिसमें काँटे तो बहुत हैं लेकिन सौन्दर्य की भी कोई कमी नहीं है। जीवन को बुरा केवल उन लोगों के द्वारा कहा जाता है जिनकी नजर फूलों के बजाय काँटो पर ही लगी रहती है।

काँटों पर दृष्टि रहेगी तो इसमें चुभन ही चुभन महसूस होगी पर फूलों पर दृष्टि रहेगी तो जीवन में सौंदर्य भी नजर आयेगा। जीवन में सब कुछ पाया जा सकता है पर सब कुछ देने पर भी जीवन को नहीं पाया जा सकता है।

जीवन का तिरस्कार नहीं अपितु इससे प्यार करो। जीवन को बुरा कहने की अपेक्षा सदैव जीवन की बुराई मिटाने के लिए प्रयासरत रहें, यही जीवन कल्याण का मूल है।

जय श्री राधे कृष्ण

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