आज के दिन मैं अपनी ऊर्जा को ऐसे कार्यों में लगाऊंगा, जो मुझे अपने लक्ष्य के करीब लें जाए । चाहे वो कार्य भले ही छोटे छोटे लगातार प्रयासो से ही क्यों ना हो । मैं विश्वास करता हूँ कि मुझे दिया गया प्रत्येक क्षण वह सब कुछ उत्पन्न करने का अवसर है, जो मैं जीवन में प्राप्त करना चाहता हूँ।
जमीन अच्छी हो, खाद अच्छी हो परंतु पानी यदि खारा हो तो फूल नहीं खिलते हैं उसी प्रकार यदि भाव अच्छे हों, विचार भी अच्छे हों परन्तु वाणी खराब हो तो सम्बन्ध कभी नहीं टिकते।
“क्षमा” केवल “गलती” का “मरहम” हो सकती है, “विश्वास” को “तोड़ने” का नहीं
इसलिये “जीवन” में हम कोई “गलती” भले ही करें पर किसी का “विश्वास” न “तोड़े”
क्योंकि “माफ” करना फिर भी “सरल” है पर भूलना व पुन: विश्वास करना “असंभव” है।
ज़िंदगी में कभी भी किसी भी रूप में की गई भलाई व्यर्थ नहीं जाती यह कब और किस रूप में वापस आ जाएगी सिर्फ समय ही जानता है !!