कल्कि अवतार के प्रकट होने के कुछ लक्षण हैं जिनमें से एक प्रमुख लक्षण है धर्म का पतन और अधर्म का उदय। जब धर्म का पतन चरम पर होगा, तब भगवान कल्कि दुष्टों का संहार करने और धर्म की स्थापना करने के लिए अवतार लेंगे।
धर्म का पतन:
कल्कि अवतार के प्रकट होने से पहले धर्म का पतन बहुत गहरा होगा। लोग धर्म से दूर हो जाएंगे और अधर्म का पालन करने लगेंगे।
दुष्टों का संहार:
कल्कि अवतार दुष्टों का संहार करेंगे और धर्म की स्थापना करेंगे।
सतयुग की शुरुआत:
कल्कि अवतार के आने के बाद सतयुग की शुरुआत होगी, जो धर्म और सत्य का युग होगा।
सफेद घोड़े पर सवार:
कल्कि अवतार को एक सफेद घोड़े पर सवार होकर आते हुए दिखाया गया है।
ज्वलंत तलवार:
कल्कि अवतार के पास एक ज्वलंत तलवार होगी, जो दुष्टों का संहार करने के लिए इस्तेमाल की जाएगी।
उत्तराधिकार:
कल्कि अवतार के आने से पहले राजा बली, कृपाचार्य, अश्वत्थामा जैसे पात्रों का भी उल्लेख है, जो कल्कि अवतार के आगमन के लिए तैयार रहेंगे।
अन्य लक्षण:
आध्यात्मिक और नैतिक गिरावट:
लोग धर्म से दूर हो जाएंगे, नैतिक मूल्यों का ह्रास होगा, और पाप का प्रभाव बढ़ेगा।
सामाजिक अव्यवस्था:
सामाजिक व्यवस्था में अव्यवस्था, अराजकता, और असमानता बढ़ेगी।
प्राकृतिक आपदाएं:
प्राकृतिक आपदाओं में वृद्धि होगी, जो दुनिया के अंत का संकेत देगी।
सत्य का अभाव:
झूठ और असत्य बढ़ेगा, और लोग सच्चाई से दूर हो जाएंगे।
अंधकार:
दुनिया अंधकार में डूबी रहेगी, और ज्ञान का अभाव होगा।
इन लक्षणों के आधार पर, लोग कल्कि अवतार के प्रकट होने की भविष्यवाणी करते हैं, जो धर्म की स्थापना करेगा और सत्य की वापसी लाएगा
