क्या आप जानते हैं कौन है हनुमान जी की बेटी??
सुवर्णरेखा: हनुमान जी की बेटी
एक लोककथा के अनुसार, हनुमान जी ने एक बार अपने तप से उत्पन्न ऊर्जा को नियंत्रित करने के लिए जल में प्रवाहित किया। इस ऊर्जा से एक कन्या उत्पन्न हुई, जिसे सुवर्णरेखा नाम दिया गया।
कहा जाता है कि हनुमान जी ने उसे अपनी संतान मानते हुए आशीर्वाद दिया और उसे ज्ञान, शक्ति और साहस का प्रतीक बनाया।
सुवर्णरेखा ने तपस्विनी का जीवन अपनाया और कई लोगों को धर्म और भक्ति का मार्ग दिखाया।
संदेश और प्रतीकात्मकता:
हनुमान जी ब्रह्मचारी थे, इसलिए उनकी संतान होने की कहानियां मुख्य रूप से प्रतीकात्मक मानी जाती हैं। ये कहानियां उनके बल, भक्ति और त्याग के गुणों का विस्तार करती हैं। उनकी कथित “बेटियां” धर्म, ज्ञान और शक्ति की प्रतीक होती हैं।