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नगर निगम में सियासी घमासान: महापौर के प्रति नाराजगी और पत्रकारों की भूमिका
सहारनपुर
नगर निगम में इन दिनों सियासी घमासान मचा हुआ है। भाजपा समर्थित व्यापारी और विपक्ष के पार्षदों का साथ महापौर के प्रति नाराजगी को बढ़ावा दे रहा है। सूत्रों के अनुसार, विपक्ष के पार्षदों का नेतृत्व एक पत्रकार के हाथ में है, जो कई पार्षदों को सलाह-मशविरा देता है। वहीं, विपक्ष के दूसरे गुट को भी एक पत्रकार का संरक्षण प्राप्त है।
पत्रकारों की वर्चस्व की जंग और भाजपा की भीतरी राजनीति
महापौर के प्रति नाराजगी के पीछे पत्रकारों की वर्चस्व की जंग और भाजपा की भीतरी राजनीति का परिणाम बताया जा रहा है। महापौर का जीआईएस सर्वे से कोई संबंध नहीं है, जो उत्तर प्रदेश सरकार की योजना है। निगम आयुक्त और अधिकारी-कर्मचारी इसे लागू करते हैं।
नजूल भूमि की लीज और कब्जे को बचाने की कोशिश
सूत्रों के अनुसार, नजूल भूमि की लीज पूरी हो चुकी है और कुछ भूमि की लीज 2025 में पूरी होनी है। उक्त भूमि पर कब्जों को बचाने के लिए सब कुछ जतन किया जा रहा है। सूत्र महापौर को दबाव में लिए जाने का प्रयास बता रहे हैं, लेकिन महापौर एक शिक्षित व्यक्ति हैं और वे जानते हैं कि भाजपा की आड़ लेकर नजूल संपत्तियों को लुटा गया है।
कठोर कार्रवाई की संभावना
समय आने पर महापौर कठोर कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं। देखना होगा कि नगर निगम में सियासी घमासान किस दिशा में जाता है और महापौर के प्रति नाराजगी का क्या परिणाम होता है।
रिपोर्ट इरशाद खान मुंडन / आदिल मलिक वेस्टर्न हाक