जरासंध//जरासंध का जन्म रहस्यमय था।कंस का ससुर था, जिसने कंस की दो बेटियों अस्ति और प्राप्ति से विवाह किया था,भीम ने जरासंध के साथ मल्लयुद्ध किया और जरासंध को मार गिराया,श्रीकृष्ण ने भीम को संकेत दिया की जरासंध के शरीर के दोनों हिस्सों को अलग-अलग दिशाओं में फेंके

महाभारत में, जरासंध मगध का एक शक्तिशाली राजा था, जो श्रीकृष्ण का प्रबल शत्रु था और कंस का ससुर था, जिसने श्रीकृष्ण को परेशान करने के लिए कई बार आक्रमण…

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ଅଭୁଲା କାହାଣୀ //ନାଇଁ… ମୁଁ ଅନ୍ୟମାନଙ୍କ ଖୁସି ରେ ଅଶାନ୍ତି ହଉନି ବରଂ ଜୀବନର ସବୁ ମୂଲ୍ୟବାନ ସମୟ ଗୁଡାକ ଚାଲିଗଲା ପରେ ଏବେ ଭାବୁଛି ସେ ସମୟ ଗୁଡାକ କେମିତି ଶସ୍ତାରେ ଶସ୍ତାରେ ଖର୍ଚ୍ଚ କରିଦେଲି…….ନିଜ ଉପରେ ନିଜେ ମୁଁ ଅଶାନ୍ତି ହଉଛି, ଆଉ କିଛି ନୁହେଁ – ଚିତ୍ତ ରଞ୍ଜନ ମିଶ୍ର

କାହାଣୀ କ୍ରମିକ ସଂଖ୍ୟା : ୧୫୧୦୩ "କଅଣ…ତମକୁ ଏକୁଟିଆ ଏକୁଟିଆ ଲାଗୁଛି ଏଇଠି ନା ଡର ଲାଗୁଛି.."ବୃଦ୍ଧ ଶାନ୍ତନୁ ବାବୁଙ୍କ ପ୍ରଶ୍ନ ରେ ଶାନ୍ତି ଦେବୀ କହିଲେ…… "ନାଇଁ ଡର ଲାଗୁନି କି ଏକୁଟିଆ ଲାଗୁନି…..ଥକ୍କା ଥକ୍କା ଲାଗୁଛି…. ବହୁତ ଆଗକୁ…

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अपने सुख व ख़ुशी के लिए दूसरों को दुखी ना करें..!!सुख दुख था एक सबका,अपना हो या बेगाना,एक वो था जमाना और एक ये भी है जमाना-Taslim Benoqab

अपने सुख व ख़ुशी के लिए दूसरों को दुखी ना करें..!! सुख दुख था एक सबका,अपना हो या बेगाना,एक वो था जमाना और एक ये भी है जमाना…!! हमारा जीवन…

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Has it happened to you that you are sitting and working in the office and you get an electric shock as soon as you touch something? This often happens to us when someone touches something,You must have studied physics in school.know why is this happening? Let us know in detail.

Has it happened to you that you are sitting and working in the office and you get an electric shock as soon as you touch something? This often happens to…

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महाभारत के मुताबिक, राजा परीक्षित की एक गलती के कारण कलयुग का आगमन हुआ था. राजा परीक्षित, पांडवों के अंतिम राजा थे. “कलयुग” के प्रभाव में आकर राजा परीक्षित ने एक ऐसी गलती की जिससे पूरा इतिहास बदल गया. मनुष्यों की बुद्धि भ्रष्ट करके पूरी दुनिया को छल-कपट से भर दिया.

महाभारत के मुताबिक, राजा परीक्षित की एक गलती के कारण कलयुग का आगमन हुआ था. राजा परीक्षित, पांडवों के अंतिम राजा थे. कलयुग के प्रभाव में आकर राजा परीक्षित ने एक ऐसी गलती…

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अदिति और दिति, ऋषि कश्यप की पत्नियाँ थीं, जो प्रजापति दक्ष और माता वीरणी की पुत्रियाँ थीं. अदिति को देवताओं की माता माना जाता है, जबकि दिति असुरों की माँ मानी जाती है.

अदिति और दिति, ऋषि कश्यप की पत्नियाँ थीं, जो प्रजापति दक्ष और माता वीरणी की पुत्रियाँ थीं. अदिति को देवताओं की माता माना जाता है, जबकि दिति असुरों की माँ…

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मैं असहाय नहीं, मैं तो बस चलता हूँ,पसीने की बूंदों से रोज़ जलता हूँ।जो बैठते हैं, उन्हें मंज़िल तक पहुंचाता हूँ,खुद काँटों पर चलकर, उनकी राह सजाता हूँ।

रिक्शे वाले की वेदना मैं असहाय नहीं, मैं तो बस चलता हूँ,पसीने की बूंदों से रोज़ जलता हूँ।जो बैठते हैं, उन्हें मंज़िल तक पहुंचाता हूँ,खुद काँटों पर चलकर, उनकी राह…

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ख्वाहिश नहीं, मुझे मशहूर होने की, एक अजीब सी’दौड़’ है ये जिन्दगी,जीवन की “भागदौड़” में क्यूँ वक्त के साथ, “रंगत “खो जाती है ? कुछ “अनमोल” लोगोंसे-“रिश्ते” रखता हूँ – मुंशी प्रेमचंद जी की एक “सुंदर कविता

मुंशी प्रेमचंद जी की एक "सुंदर कविता", जिसके एक-एक शब्द को, बार-बार "पढ़ने" को "मन करता" है-_ ख्वाहिश नहीं, मुझेमशहूर होने की," _आप मुझे "पहचानते" हो,_ _बस इतना ही "काफी"…

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ଖୋଲା ଚିଠି //ବିନା “ଆଇଏଏସ” ସୁଜାତା-କାର୍ତ୍ତିକଙ୍କର ଅଭାବ ନାହିଁ ଏ ରାଜ୍ଯରେ । 1992 ମସିହାରେ ଗୃହ ବିଭାଗରେ ମୁଁ ଷ୍ଟେନୋଗ୍ରାଫର ଇଣ୍ଟରଭ୍ୟୁ ଦେଇ ଦୁଇ ନମ୍ବର ସ୍ଥାନରେ ଥିଲି ।ନନ୍ଦିନୀଦେବୀଙ୍କ ନିକଟରେ ମୁଁ ପ୍ରତିକ୍ରିୟା ପ୍ରକାଶ କରିବାରେ ସେ ଘର ଭିତରକୁ ଯାଇ ହଳେ ଖଦଡ ପଞ୍ଜାବୀ-ପାଇଜାମା ଆଣି ମୋ ହାତରେ ଦେଇ କହିଥିଲେ, “ତୁ ରାଜନୀତି କରିବୁ, ଓଡିଶା ପାଇଁ କାମ କରିବୁ-ଆଶିଷ ରଞ୍ଜନ ମହାପାତ୍ର (ପୂର୍ବତନ ମୁଖ୍ୟମନ୍ତ୍ରୀ ନନ୍ଦିନୀ ଶତପଥୀଙ୍କ ବ୍ୟକ୍ତିଗତ ସଚିବ)

ବିନା "ଆଇଏଏସ" ସୁଜାତା-କାର୍ତ୍ତିକଙ୍କର ଅଭାବ ନାହିଁ ଏ ରାଜ୍ଯରେ । 1992 ମସିହାରେ ଗୃହ ବିଭାଗରେ ମୁଁ ଷ୍ଟେନୋଗ୍ରାଫର ଇଣ୍ଟରଭ୍ୟୁ ଦେଇ ଦୁଇ ନମ୍ବର ସ୍ଥାନରେ ଥିଲି । ରାଜନୀତିରେ ସଚ୍ଚୋଟ, ନିର୍ଭୀକ, ଆତ୍ମ-ସ୍ବାର୍ଥୀ-ବିହୀନ ଏବଂ କର୍ମଠ ଯୁବକମାନଙ୍କ ଅଭାବ ଅନୁଭବ…

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ତୁଷାରକାନ୍ତ ର ମୁଣି //କିଏ କଲା ଏମିତି,ହାତ ବାଜିଗଲେ ଛୁଆଁ ହେଲା କେମିତି,କିଏ କଲା ଏମିତି,ବାଟରେ ଘାଟରେ ଯେବେ ହୁଅଇ ଧକ୍କା ଡଙ୍ଗାରେ ତ ଛୁଆଁ ନାହିଁ ହୋଇଛି ଲେଖା, ପିଂପୁଡି ଅଟକି ହାତୀ ଯାଉଛି ଗଳି କିଏ କଲା ଏମିତି – ତୁଷାରକାନ୍ତ ଶତପଥି ଭୁବନେଶ୍ୱର

ତା୩୧.୦୩.୨୦୨୫ରିଖରତୁଷାରକାନ୍ତର ମୁଣିନିଅନ୍ତୁ ସେଥିରୁ ଛାଣି "ଅଗମ୍ୟ ଭାବ ଜାଣେ ଯଶୋବନ୍ତଗାରକଟା ଯନ୍ତ୍ର ଜାଣେ ଅନନ୍ତଆଗତ ଅନାଗତ ଅଚ୍ୟୁତ ଭଣେବଳରାମ ଦାସ ତତ୍ତ୍ଵ ବଖାଣେଭକ୍ତିର ଭାବ ଜାଣେ ଜଗନ୍ନାଥପଞ୍ଚସଖା ଇଏ ଓଡ଼ିଶା ମହନ୍ତ।" (ଆଜିର ଲେଖାପାଇଁ ମୋ ମୁଣି ମୋତେ ଏଇଆ ଲେଖାଥିବା…

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