हरियाणा के पू0 मुख्यमंत्री खट्टर जी ने अपनी सम्पूर्ण संपत्ति प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में और अपना निजी आवास सार्वजनिक पुस्तकालय के लिए दान करके आजादी के बाद रच दिया इतिहास।
आज खट्टर जी बस स्टैंड की ओर चल दिये ….
ईमानदार वो मनका होते है जो हज़ारो पत्थरो में अलग चमकते है।
विधान सभा की सदस्यता से त्यागपत्र दिया, संगठन का काम करने के लिए केंद्रीय नेतृत्व के सामने अपने को समर्पित किया। भौतिकवादी घोर कलयुग में मुझे याद नहीं आ रहा कि इस प्रकार का आदर्श किसी दूसरे राजनेता ने प्रस्तुत किया हो।
“दास कबीर जतन करि ओढी,
ज्यों कीं त्यों धर दीनी चदरिया॥”