शेख हसीना को वापस नहीं लौटाएगा भारत!
क्यों जरूरी हैं पूर्व PM, विदाई हुई तो क्या खामियाजे भुगतने पड़ेंगे?
बांग्लादेश ने ITC के फैसले के बाद भारत से अपील की है, ‘शेख हसीना को वापस लौटा दें. प्रत्यार्पण संधि के हिसाब से यह भारत के लिए एक अनिवार्य जिम्मेदारी है.’ लेकिन भारत बाध्य नहीं है.
शेख हसीना को नहीं लौटाएगा भारत!
17 नवंबर को इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल (ICT) कोर्ट ने बांग्लादेश की पूर्व PM शेख हसीना को मौत की सजा सुनाई. वह 2024 से भारत में पनाह ली हुई हैं. बांग्लादेश लगातार भारत पर शेख हसीना को वापस करने का दबाव बनाता रहा है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि भारत हसीना को वापस नहीं करना चाहेगा, फिर चाहे मोहम्मद यूनुस से दुश्मनी हो जाए. इसके लिए भारत प्रत्यर्पण संधि का हवाला दे सकता है. एक्सप्लेनर में समझते हैं कि यह ट्रीटी क्या है, भारत क्यों किसी भी कीमत पर शेख हसीना को नहीं लौटाएगा और इसके नतीजे क्या होंगे…
सवाल 1- भारत-बांग्लादेश के बीच 2013 में हुई संधि क्या है?
जवाब- 28 जनवरी 2013 को भारत और बांग्लादेश के बीच प्रत्यर्पण संधि हुई थी. फिर 2016 में इसमें संशोधन हुआ, जो आज भी पूरी तरह लागू है. इसके तहत-
दोनों देश एक-दूसरे को अपराधी सौंपेंगे.
आतंकवाद, हत्या, अपहरण, ड्रग तस्करी, मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार जैसे गंभीर अपराधों में प्रत्यर्पण होगा.
अगर कोई राजनीतिक अपराध करता है तो प्रत्यर्पण नहीं होगा.
अगर अपराधी को उसके देश में मौत की सजा हो सकती है, तो सौंपने से पहले लिखित गारंटी लेनी होगी कि फांसी नहीं दी जाएगी.
झूठे या राजनीतिक बदले की भावना से बनाए केस में प्रत्यर्पण से मना किया जा सकता है.
source :ABP News












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