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न्यूज़ फ्लैश अयोध्या

एसडीएम के कथित स्टेनो एवं कोर्ट टाइपिस्ट के बीच हाथापाई का वीडियो वायरल सोशल मीडिया पर हुआ वायरल

अस्थाई कर्मी एवं प्राइवेट कमी से जुड़ा हुआ है मामला

यह मामला जनपद के मिल्कीपुर तहसील का है।

जहां पर एसडीएम के स्टेनो पद पर कार्यरत व एक संविदा कर्मी उन्हीं के न्यायालय पर लिपिक/ टाइपिस्ट का काम कर रहे दो कर्मियों के बीच किसी बात को लेकर हुई तू तू मैं मैं के साथ हाथापाई

सूत्रों की माने तो मामला अबैध वसूली के बाद बंटवारे को लेकर हुए विवाद से जुड़ा बताया जा रहा है।

हालांकि इसके पूर्व भी एसडीम के गोपनीय पटल स्टेनो का काम संभाल रहे अस्थाई कर्मी की करतूत की शिकायत शासन स्तर पर हो चुकी है।

किंतु एसडीएम ने अपने चहेते उक्त कर्मी को जांच रिपोर्ट में क्लीन चिट दे दी थी।

बताते चलें कि बीते बुधवार को शाम करीब 4:30 बजे एसडीएम के स्टेनो का काम देख रहे अस्थाई कर्मी अमित श्रीवास्तव उप जिलाधिकारी मिल्कीपुर के न्यायालय में पहुंच गए थे और न्यायालय पर टाइपिस्ट का काम देख रहे प्राइवेट कर्मी अनुपम तिवारी पर आपे से बाहर हो गए थे और प्राइवेट कमी टाइपिस्ट से जमकर अभद्रता शुरू कर दिए थे।

किंतु एसडीएम के पेशकार सहित कोर्ट पर मौजूद कई अधिवक्ताओं एवं तहसील कर्मियों के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हो सका

एसडीएम के स्टेनो संविदा कर्मी की दबंगई का वीडियो सोशल मीडिया पर इस कदर वायरल हो गया कि हर कोई संविदा कर्मी के कारनामे देखकर दंग है।

बता दे कि बीते 4 सितंबर को उक्त संविदा कर्मी अमित कुमार श्रीवास्तव के विरुद्ध हुई एक शिकायत के निस्तारण में एसडीएम ने अपनी जांच रिपोर्ट में अमित कुमार श्रीवास्तव को तकनीकी मैनपॉवर के पद पर तहसील में अस्थाई रूप से कार्यरत बताया था और उन्हें अपने उत्तरदायित्व का नियमानुसार निर्वहन किए जाने की बात कहते हुए जांच रिपोर्ट में क्लीन चिट दे दी थी।

सबसे मजे की बात तो यह है कि उक्त अस्थाई कर्मी पर तहसील प्रशासन की महती कृपा इस कदर बरस रही है कि उक्त कर्मी को तहसील के आवासीय भवन में ही आवास भी आवंटित कर दिया गया है।

जबकि तहसील में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत तमाम जिम्मेदार कर्मियों को आज तक तहसील के आवासीय भवन में आवास तक नहीं मिल सका है।

फिलहाल मामला अवैध वसूली के तहत पैसे के बंटवारे से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है।

वायरल वीडियो से तहसील प्रशासन की खूब जमकर किरकिरी हो रही है।

मामले को लेकर सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह है कि आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद उत्तर प्रदेश द्वारा प्रदेश के समस्त मंडल आयुक्त एवं जिलाधिकारी को बीते 29 अगस्त 2023 को एक पत्र प्रेषित कर साफ-साफ निर्देश दिए गए थे कि तहसीलों में कर्मी अथवा मुंशी कदापि न रखे जाएं

किंतु मिल्कीपुर तहसील के जिम्मेदार अधिकारियों ने राजस्व परिषद सचिव के उस आदेश को दिखा रहे ठेगा

वही बात करें तो तहसील के लगभग समस्त पटलों पर प्राइवेट कर्मियों का पूरी तरह से बोलबाला बना हुआ है। ब्यूरो रिपोर्ट

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