बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट रिवीजन के मुद्दे पर सियासी घमासान मचा हुआ है.राहुल गांधी और बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव, दोनों ही नेता वोटर अधिकार यात्रा पर निकले हैं, जनता के बीच पहुंच रहे हैं और वोटर लिस्ट में गड़बड़ी का मुद्दा उठा रहे हैं.

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बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट रिवीजन के मुद्दे पर सियासी घमासान मचा हुआ है. संसद में इस मुद्दे को लेकर हालिया मॉनसून सत्र के दौरान हमलावर रहा विपक्ष अब सड़कों पर है. लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव, दोनों ही नेता वोटर अधिकार यात्रा पर निकले हैं, जनता के बीच पहुंच रहे हैं और वोटर लिस्ट में गड़बड़ी का मुद्दा उठा रहे हैं.

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और रायबरेली से सांसद राहुल गांधी के तेवर इस समय हाई हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव में मिली थोड़ी सी संजीवनी ने उनके जीवन में जो उम्मीद की किरण जगाई है,उसका असर उनकी बॉडी लैंग्वेज में साफ दिख रहा है। वो अलग बात है कि 2024 के आम चुनाव के बाद हरियाणा,जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र और दिल्ली में हुए चुनावों में उनकी पार्टी के हाथ कुछ नहीं आया पर जोश पूरा हाई है। इस समय चुनाव आयोग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘वोट चोर’ घोषित कर चुके हैं। संसद परिसर में इसपर विरोध और बिहार में वोटर अधिकार रैली कर रही कांग्रेस ‘वोट चोर,गद्दी छोड़’ का नारा लगा रही है। वोटर अधिकारी रैली की शुरुआत बिहार से करने का सीधा मतलब वहां होने वाले विधानसभा चुनाव से है। राहुल और उनकी कांग्रेस के लिए अब बिहार ही अगला लक्ष्य है जहां उसका सियासी वजूद महज 19 सीटों तक ही सिमटा हुआ है। ऐसे में वोट चोरी की चाबी से कांग्रेस के लिए बिहार की सत्ता का ताला खोलने का सपना देख रहे राहुल के लिए क्या सब विन-विन है या कुछ और।

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