क्या आप ऐसी किसी महिला के बारे में जानते हैं जिसने…
१.
२. अंग्रेजों को ना तो नदी पर टैक्स वसूलने दिया, और ना ही दुर्गा पूजा की यात्रा को रोकने दिया?
३. कलकत्ता में “दक्षिणेश्वर मंदिर” बनवाया?
४. कलकत्ता में गंगा नदी पर बाबू घाट और नीमतला घाट बनवाए?
५. श्रीनगर में “शंकराचार्य मंदिर” का पुनरोद्धार करवाया?
६. मथुरा में “श्री कृष्ण जन्मभूमि” की दीवार बनवाई?
७. ढाका में मुस्लिम नवाब से 2,000 हिंदुओं की स्वतंत्रता खरीदी?
८. रामेश्वरम से श्रीलंका के मंदिरों के लिए “नौका सेवा” आरम्भ करवाई?
९. कलकत्ता का “क्रिकेट स्टेडियम” इनके द्वारा दान दी गई भूमि पर बना है?
१०. “सुवर्णरेखा नदी” से पुरी तक सड़क बनाई?
११. “प्रेसिडेंसी कॉलेज” और “नेशनल लाइब्रेरी” के लिए धन दिया?

क्या यह विदुषी महान हस्ती आज तक के भारत में विद्यार्थियों के सिलेबस में सम्मिलित हुआ…!
इन महान हस्ती का नाम है “रानी रासमणि”!
ये कलकत्ता के जमींदार की विधवा थी! 1793 से 1863 तक के जीवन काल में, रानी रासमणि जी ने इतना यश कमाया है, कि इनकी बड़ी बड़ी प्रतिमाऐं दिल्ली और शेष भारत में लगनी चाहिए

रानी रश्मोनी (Rani Rashmoni) एक प्रसिद्ध भारतीय महिला थीं, जो 19वीं सदी के बंगाल में एक प्रभावशाली व्यवसायी, परोपकारी और समाज सुधारक के रूप में जानी जाती थीं। उनका जन्म 28 सितंबर 1793 को हुआ था और 19 फरवरी 1861 को उनका निधन हो गया था।
रानी रश्मोनी के बारे में कुछ मुख्य बातें:
- दक्षिणेश्वर काली मंदिर की संस्थापक:उन्होंने कोलकाता में प्रसिद्ध दक्षिणेश्वर काली मंदिर का निर्माण करवाया था।
- समाज सुधारक:वे उन्नीसवीं सदी के शुरुआती बंगाल में समाज सुधार के क्षेत्र में अग्रणी थीं।
- ब्रिटिश शासन के खिलाफ:उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ कई प्रतिरोधों का नेतृत्व किया।
- मछुआरों के अधिकारों की रक्षा:उन्होंने मछुआरों के अधिकारों की रक्षा के लिए ब्रिटिश सरकार से लड़ाई लड़ी और सफल हुईं।
- दानवीर:उन्होंने इंपीरियल लाइब्रेरी (अब भारत का राष्ट्रीय पुस्तकालय) और हिंदू कॉलेज (अब प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय) को भी दान दिया।
- लोकमाता:उन्हें लोकमाता रानी रश्मोनी के नाम से भी जाना जाता है।
- रामकृष्ण परमहंस:दक्षिणेश्वर मंदिर में पुजारी के रूप में रामकृष्ण परमहंस को नियुक्त करने के बाद वे उनके साथ घनिष्ठ रूप से जुड़ी रहीं।
रानी रश्मोनी एक प्रभावशाली और महत्वपूर्ण ऐतिहासिक व्यक्ति थीं, जिन्होंने अपने समय में समाज और धर्म के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया
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