Spread the love

आज का भगवद् चिन्तन

सुख की राह 

जीवन में अपेक्षा के अनुरूप फल की प्राप्ति न हो पाना ही हमारे दुःखों का एक प्रमुख कारण भी है। जीवन को दो तरीकों से सुखद बनाया जा सकता है।

पहला यह है कि जो तुम्हें पसंद है, उसे प्राप्त कर लो या जो प्राप्त है, उसे पसंद कर लो।

यदि आप भी उन व्यक्तिओं में से एक हैं जो प्राप्त को पसंद नहीं करते और पसंद को भी प्राप्त करने का सामर्थ्य नहीं रखते हैं तो आपने स्वयं ही अपने सुखों का द्वार बंद कर रखा है।

सुख प्राप्त करने की चाह में आदमी मकान बदलता है, दुकान बदलता है। कभी-कभी देश बदलता है तो कभी-कभी भेष भी बदलता है। लेकिन अपनी सोच, अपना स्वभाव बदलने को राजी नहीं है।

भूमि नहीं अपनी भूमिका बदलो। जिस दिन आपने अपना स्वभाव जीत लिया उसी दिन आपका अभाव मिट जायेगा।

जय श्री राधे कृष्ण 🪷

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *