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महाशिवरात्रि की मंगल बधाई

शिवरात्रि अर्थात अंधकार में प्रकाश की सम्भावना। जिस तरह भोलेनाथ प्राणी मात्र के कल्याण के लिए जहर पीकर देव से महादेव बन गए उसी प्रकार हमें भी समाज में व्याप्त निंदा, अपयश, उपेक्षा,और आलोचना रुपी जहर को पीकर मानव से महामानव बनना होगा।

जल धारा चढ़ाने मात्र से प्रसन्न होने वाले आशुतोष भगवान शिव का यही सन्देश है कि जीवन में जो कुछ भी और जितना भी प्राप्त होता है, उसी में प्रसन्न और सन्तुष्ट रहना सीखें।

भगवान शिव काम के नहीं अपितु राम के अधीन हैं इसलिए महादेव के जीवन में वासना नहीं उपासना है।

शिव पूर्ण काम हैं, तृप्त काम हैं। सभी कामनाओं, इच्छाओं को नष्ट करने वाले महादेव को कोई लोभ नहीं, बस श्रीराम दर्शन एवं श्रीराम सुमिरन का ही लोभ उन्हें लगा रहता है।

भगवान महादेव का जीवन हम सबको प्रेरणा प्रदान करता है कि अंतर्मुखी रहने वाला साधक ही शांत, प्रसन्नचित्त, परमार्थी, अपेक्षा रहित, क्षमावान और लोक मंगल के शिव संकल्पों को पूर्ण करने की सामर्थ्य रखता है।

महाशिवरात्रि का पावन पर्व आपके लिए शुभ एवं मंगलमय हो।

ॐ नमः शिवाय

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