आज का भगवद् चिंतन
बुरी आदतों से बचें
यदि बुरी आदतों को समय रहते सुधारा न गया तो वो किसी भी मनुष्य के लिए एक अभिशाप की तरह उसके अपयश एवं अपकीर्ति का कारण बन जाती हैं।
बुरी आदतों का भी अपना एक नशा होता है। समय से इन्हें रोका न गया तो ये भी लत बन जाती हैं।
यदि एक बार किसी बुरी आदत कि लत लग गई तो स्वयं को बुरी लगने के बावजूद भी हम उस कार्य को किए बिना रह ही नहीं पायेंगे। हम आदतन उस कार्य को करने के लिए मजबूर हो जायेंगे।
कुछ बुरी आदतें हमारे व्यक्तिगत जीवन को दूषित करती हैं, कुछ सामाजिक जीवन को तो कुछ नैतिक जीवन को भी दूषित करती हैं। अच्छी आदतें अच्छे इंसान को जन्म देती हैं और बुरी आदतें बुरे इंसान को।
बुरी आदतों से निरंतर बचने का प्रयास न किया गया तो आपके भीतर कब एक बुरे इंसान ने जन्म ले लिया आपको स्वयं पता नहीं चलेगा। बुरी आदतें ही हमारे प्रगति मार्ग में सबसे बड़ी बाधक होती हैं।
जय श्री राधे कृष्ण