अगर अच्छे कर्म करते हुये भी लोग आप पर शक करे तो उन्हें करने दो,क्योंकि शक हमेशा ,सोने की शुद्धता पर होता है,कोयले की कलिख पर नही
यदि आपको ये अहसास हो जाये कि आपके संकल्प कितने शक्तिशाली हैं तो आप कभी भी नकारात्मक विचार नहीं करेंगे।
आज से हम नकारात्मक सोच को खत्म करें…
वरमसिधारा तरुतलवासो
वरमिह भिक्षा वरमुपवासः ।
वरमपि घोरे नरके पतनं
न च हरिभक्तेर्विमुखः सङ्गः ॥
-तलवारकी धारके समान कठिन व्रत करना, वृक्षके तले पृथ्वीपर रहना, भिक्षा माँग लेना अथवा भूखा रह जाना अच्छा है तथा घोर नरकमें पड़ना भी अच्छा है; किंतु भगवद्भक्तिसे विमुख रहनेवाली संगति अच्छी नहीं है ॥
शांत दिमाग कठिन से कठिन चुनौतियों पर भी विजय पाने में समर्थ है।
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