ठंड में अदरक खाने से बहुत फायदे होते हैं क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है, जो शरीर को अंदर से गर्माहट देती है, सर्दी-खांसी से राहत दिलाती है, इम्यूनिटी बढ़ाती है, पाचन सुधारती है और जोड़ों के दर्द व सूजन को कम करती है, साथ ही यह ब्लड सर्कुलेशन और दिल के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है, लेकिन अधिक मात्रा में सेवन से एसिडिटी हो सकती है, इसलिए सावधानी बरतें।
ठंड में अदरक खाने के फायदे:
शरीर को गर्म रखे: अदरक की तासीर गर्म होती है, जो ठंड में शरीर को अंदर से गर्म रखने और ठिठुरन कम करने में मदद करती है।
सर्दी-खांसी में राहत: इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण गले की खराश, खांसी और जुकाम के लक्षणों को कम करते हैं और श्वसन संबंधी समस्याओं में आराम देते हैं।
इम्यूनिटी बढ़ाए: यह रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) को मजबूत करता है, जिससे शरीर संक्रमण से लड़ने में सक्षम होता है।
पाचन सुधारे: गैस, अपच और पेट दर्द जैसी पाचन संबंधी समस्याओं में राहत देता है और पाचन को बेहतर बनाता है।
जोड़ों के दर्द में आराम: अदरक सूजन कम करने और जोड़ों के दर्द व अकड़न से राहत दिलाने में प्राकृतिक पेनकिलर की तरह काम करता है।
वजन कंट्रोल करे: यह मेटाबॉलिज्म को बढ़ाकर अतिरिक्त चर्बी कम करने और वजन संतुलित करने में मदद करता है।
दिल के स्वास्थ्य के लिए: अदरक खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और रक्त संचार को बेहतर बनाकर दिल को स्वस्थ रखता है।
कैसे करें सेवन:
अदरक की चाय, काढ़ा या गुनगुने पानी के साथ इसका सेवन कर सकते हैं।
सावधानियां:
ज्यादा पित्त वाले लोगों को कम मात्रा में सेवन करना चाहिए।
गर्भवती महिलाएं या जो लोग ब्लड पतला करने की दवा ले रहे हैं, उन्हें डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
अदरक कब नहीं खाना है
अदरक की तासीर गर्म होती है, इसलिए पेट में जलन, एसिडिटी, अल्सर, पित्त प्रकृति या ब्लीडिंग डिसऑर्डर (रक्तस्राव संबंधी विकार) वाले लोगों और गर्भावस्था के अंतिम चरण में इसे ज़्यादा नहीं खाना चाहिए; यह रक्त पतला करने वाली दवाओं (जैसे एस्पिरिन, वारफेरिन) के साथ इंटरैक्ट कर सकता है और ब्लड शुगर या ब्लड प्रेशर को भी प्रभावित कर सकता है, इसलिए ऐसी स्थितियों में डॉक्टर से सलाह लें.
किन स्थितियों और बीमारियों में अदरक नहीं खाना चाहिए या सावधानी बरतनी चाहिए:
पाचन संबंधी समस्याएँ: ज़्यादा अदरक पेट में जलन, गैस, एसिडिटी, उल्टी और डकार बढ़ा सकता है, खासकर अगर आपको पहले से ही GERD या अल्सर है.
गर्भावस्था (Pregnancy): ज़्यादा मात्रा में सेवन से बचना चाहिए, खासकर डिलीवरी के करीब; पहले तीन महीनों में डॉक्टर की सलाह ज़रूरी है.
ब्लड थिनर (रक्त पतला करने वाली दवाएँ): यह खून को पतला करता है, इसलिए एस्पिरिन या वारफेरिन जैसी दवाएँ लेने वाले इसे न लें, क्योंकि यह ब्लीडिंग का खतरा बढ़ाता है.
ब्लड प्रेशर की दवाएँ: यह ब्लड प्रेशर कम कर सकता है, इसलिए ब्लड प्रेशर की दवाएँ लेने वाले सावधानी बरतें.
डायबिटीज (मधुमेह): यह ब्लड शुगर को बहुत कम कर सकता है (हाइपोग्लाइसीमिया), इसलिए शुगर के मरीज़ों को कम मात्रा में और डॉक्टर से पूछकर खाना चाहिए.
पित्त (Gallbladder) की समस्याएँ: यह पित्त के स्राव को उत्तेजित करता है, जिससे पित्ताशय की पथरी या सूजन (cholecystitis) जैसी स्थितियों में समस्या बढ़ सकती है.
एलर्जी और संवेदनशील त्वचा: कुछ लोगों को अदरक से एलर्जी या त्वचा पर जलन हो सकती है.
सर्जरी: सर्जरी से पहले अदरक का सेवन बंद कर देना चाहिए क्योंकि यह ब्लीडिंग का जोखिम बढ़ाता है.
सारांश:
अदरक का सेवन सीमित मात्रा में करें; अगर आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है या आप कोई दवा ले रहे हैं, तो अदरक खाने से पहले हमेशा डॉक्टर से सलाह लें.
















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