बागपत के एड़वोकेट जसपाल राणा ने की बिना दहेज के बेटे की शादी
- विशान्त के आर्शीवाद समारोह में बिना दान-दहेज की शादी करने के लिए लोगों ने चौधरी करतार सिंह आर्य परिवार की जमकर की प्रशंसा
- मुझे अपने परिवार पर गर्व है जो हमेशा से ही एक अच्छे और स्वच्छ समाज के निर्माण के लिए हमेशा प्रयास करते है – विशान्त वीर आर्य
बागपत, उत्तर प्रदेश। विवेक जैन। (दर्शन समीक्षा)
सुप्रसिद्ध समाजसेवी चौधरी करतार सिंह आर्य व शिमला देवी के बेटे व जनपद बागपत के सुप्रसिद्ध एड़वोकेट में शुमार जसपाल राणा – आशा आर्या ने एक अनुपम मिसाल पेश करते हुए अपने बेटे विशान्त वीर आर्य की शादी बिना दान-दहेज के की और वधु पक्ष से शगुन के तौर पर मात्र 1 रूपये की धनराशि स्वीकार की। विशान्त की शादी देवटा गांव ग्रेटर नोयड़ा के निवासी गिरीश भाटी – गीता देवी की पुत्री भावना सिंह के साथ 13 दिसम्बर 2025 को हुई थी जिसमें परिवार के चुनिंदा लोगों ने शिरकत की। विशान्त वीर आर्य ने कनाड़ा से एमबीए की है। वह कनाड़ा के प्रतिष्ठित बैंक में कार्यरत थे। वर्तमान में वह नोयड़ा में रियल एस्टेट का कारोबार कर रहे है। उनकी पत्नी भावना सिंह एलएलबी की पढ़ाई कर रही है। विशान्त दो भाई है। बड़े भाई कनाड़ा में जॉब करते है। एड़वोकेट जसपाल राणा ने 16 दिसम्बर 2025 को बागपत के दा हरी कैसल रिसोर्ट में एक भव्य आर्शीवाद समारोह का आयोजन किया। जिसमें दिल्ली एनसीआर की राजनैतिक, धार्मिक, सामाजिक, शैक्षिक, प्रशासनिक आदि विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी जानी-मानी हस्तियों ने शिरकत की व वर-वधु को आर्शीवाद प्रदान किया और बिना दान-दहेज की शादी करने के लिए चौधरी करतार सिंह आर्य परिवार की जमकर प्रशंसा की। विशान्त ने कहा कि आने वाली स्त्री मेरे परिवार का हिस्सा है वह कोई वस्तु नही है बल्कि मेरी जीवन साथी है। भावना का परिवार भी मेरा ही परिवार है और वह उसके परिवार के हर सुख-दुख में साथ है। विशान्त ने कहा कि मुझे अपने परिवार पर गर्व है जो हमेशा से ही एक अच्छे और स्वच्छ समाज के निर्माण के लिए हमेशा ही प्रयास करते है। चौधरी करतार सिंह आर्य ने भी बेटे और अपने पौते के द्वारा सहर्ष व निसंकोच बिना दहेज की शादी स्वीकार करने के लिए उनकी जमकर प्रशंसा की।












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