यूपी के जौनपुर// एक मुस्लिम परिवार (नौशाद अहमद दूबे) ने अपने बेटे की शादी के कार्ड पर हिंदू सरनेम ‘दूबे’ और दावत-ए-वलीमा को ‘बहुभोज’ लिखा है,
जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और सामाजिक सौहार्द की मिसाल बन गया है; उनका कहना है कि उनके पूर्वज हिंदू थे (लाल बहादुर दूबे) और उन्होंने धर्म बदला, जाति नहीं, और इस विरासत से उन्हें अपनापन लगता है, जिसे वे अपनी जड़ों से जुड़ाव मानते हैं.
मुख्य बातें:
व्यक्ति: नौशाद अहमद दूबे, जौनपुर के डेहरी गांव के निवासी.
खासियत: अपने बेटे खालिद की शादी के कार्ड पर ‘दूबे’ सरनेम का इस्तेमाल किया और ‘दावत-ए-वलीमा’ की जगह ‘बहुभोज’ लिखा.
कारण: उनके पूर्वज लाल बहादुर दूबे थे; धर्म बदला लेकिन जाति नहीं, और वे इस पहचान से जुड़ाव महसूस करते हैं.
विरासत: उन्होंने अपनी जड़ों को सम्मान देने के लिए गांव की सड़क का नाम भी ‘लाल बहादुर दूबे मार्ग’ रखा है.
इस कदम की व्यापक सराहना हो रही है और इसे हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल बताया जा रहा है.
इस गांव के कई मुस्लिम परिवार ऐसे ही हिंदू उपनामों (जैसे पांडे, तिवारी) का इस्तेमाल करते हैं, क्योंकि उनके पूर्वज भी हिंदू थे, लेकिन उन्होंने धर्म नहीं बदला है.












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