International Women’s Day – 8 मार्च -अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस
महिलाओं के लिए समर्पित एक दिन है अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस। दुनिया भर में महिलाओं के सम्मान में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। विभिन्न देशों में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस हर साल 8 मार्च को मनाया जाता है। इस दिन महिलाओं के अधिकारों और समाज में उनके योगदान को सम्मानित किया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को कई देशों में बड़े ही उत्साह और आनंद के साथ मनाया जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस विशेष रूप से उन संघर्षों और उपलब्धियों की कहानियां कहता है, जो महिलाओं ने इस समाज में समानता, अधिकारों और अवसरों के लिए प्राप्त की हैं। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने का इतिहास 20वीं सदी की शुरुआत से जुड़ा हुआ है। उस दौरान महिलाओं ने अपने अधिकारों और सामाजिक समानता के लिए एकजुट होकर विशाल पैमाने पर संघर्ष शुरू किया था।
क्यों मनाया जाता है महिला दिवस?
बात सन् 1908 की है। अमेरिका में कपड़ा उद्योग की महिलाओं ने अपने कामकाजी परिस्थितियों और मतदान के अधिकार की मांग के साथ हड़ताल की थी। इसके बाद 1910 में क्लारा जेटकिन ने इसे एक वार्षिक दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव रखा। संयुक्त राष्ट्र ने 1975 में इसे आधिकारिक मान्यता दी और तब से यह दिन वैश्विक स्तर पर बड़े उत्साह से मनाया जाता है। महिलाओं के योगदान को सम्मानित करने के उद्देश्य से अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। इस खास दिन को मनाने का महत्व महिलाओं को समाज में सशक्त बनाने और उनके अधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाने में है। यह दिन न केवल महिलाओं की वर्तमान स्थिति को बदलने में मदद करता है बल्कि उनके भविष्य के लिए भी प्रेरणास्त्रोत है।
कैसे तय हुआ 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाएगा?
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस हर साल 8 मार्च को विश्वभर में मनाया जाता है। लेकिन जब अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने का निर्णय लिया गया उस वक्त यह दिवस 8 मार्च को नहीं मनाया जाता था। सामाजिक मुद्दों की कार्यकर्ता थेलेसा मालक्लेई के प्रस्ताव पर सोशलिस्ट पार्टी ऑफ अमेरिका के बैनर तले पहली बार महिला दिवस न्यूयॉर्क शहर में 28 फरवरी 1909 में मनाया गया। दावा यह भी किया जाता है कि पहली बार कपड़ा मिल्स में महिला कर्मचारियों ने प्रदर्शन के तौर पर पहली बार महिला दिवस 8 मार्च 1857 को मनाया था। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं की गई है।
सन् 1910 में डेनमार्क के कोपेनहेगन शहर में एक अंतर्राष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन हुआ। इसमें जर्मन समाजवादी नेता क्लारा जेटकिन ने हर साल एक अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा। इस प्रस्ताव को 17 देशों के 100 से अधिक महिला प्रतिनिधियों ने समर्थन दिया। इस क्रम में 1911 में पहली बार ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विट्जरलैंड में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया। इसे उस समय 19 मार्च को मनाया गया था। रूस क्रांति और तमाम घटनाओं के बाद संयुक्त राष्ट्र (UN) ने 1977 में 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मान्यता दी। इसके बाद इसे पूरी दुनिया में मनाया जाने लगा।
क्यों चुना गया 8 मार्च ही?
8 मार्च रूसी महिलाओं के ऐतिहासिक आंदोलन की याद दिलाता है। इस दिन ने महिला अधिकारों और समानता के संघर्ष को वैश्विक स्तर पर एक नई दिशा दी। संयुक्त राष्ट्र और कई देशों ने इसे औपचारिक रूप से स्वीकार किया और 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाने लगे। यह दिन विशेष रूप से महिलाओं के अधिकारों, उनके योगदान और उनकी उपलब्धियों को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं की सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक समानता की दिशा में जागरूकता बढ़ाना और उनकी स्थिति को सुधारने के लिए वैश्विक प्रयासों को प्रोत्साहित करना है।