पहले के समय में, जब आज की तरह रोजगार के कई विकल्प नहीं थे, तो कई माता-पिता खेती या मजदूरी करके अपने बेटे को डाक्टर इंजीनियरिं बनाते थे,, समय बदल गया है

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पहले के समय में, जब आज की तरह रोजगार के कई विकल्प नहीं थे, तो कई माता-पिता खेती या मजदूरी करके ही अपना गुजारा करते थे। यह जीवन बहुत कठिन था, जिसमें मेहनत और लगन की आवश्यकता होती थी। कई लोग अपनी जमीन पर खेती करते थे, जबकि बहुत से लोग दूसरों के खेतों या अन्य जगहों पर दिहाड़ी मजदूर के तौर पर काम करते थे ताकि अपने परिवार का पेट पाल सकें। 

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खेती: बहुत से परिवार अपनी जमीन पर खेती करते थे, जिससे उन्हें अपनी जरूरतों के लिए अनाज मिलता था।
मजदूरी: जब खेती से गुजारा नहीं हो पाता था, तो परिवार के सदस्य दूसरों के खेतों में काम करने या अन्य तरह के शारीरिक श्रम (जैसे मजदूरी) करके पैसे कमाते थे।
कठिन जीवन: यह जीवन बहुत मेहनत और संघर्ष भरा होता था, जिसमें कम आय और संसाधनों के साथ जीवन जीना पड़ता था।
शिक्षित और अशिक्षित में मुख्य अंतर औपचारिक ज्ञान और कौशल का होता है। शिक्षित व्यक्तियों के पास स्कूली शिक्षा से प्राप्त ज्ञान होता है, जबकि अशिक्षित व्यक्तियों के पास व्यावहारिक और अनुभवात्मक ज्ञान हो सकता है। शिक्षित व्यक्ति में तार्किक सोच, जागरूकता और बेहतर संचार कौशल होते हैं, जबकि अशिक्षित व्यक्ति परंपराओं पर अधिक निर्भर हो सकता है और बदलावों को स्वीकार करने में अधिक समय ले सकता है। 
शिक्षित व्यक्ति
ज्ञान: औपचारिक शिक्षा और प्रशिक्षण के माध्यम से प्राप्त किया गया ज्ञान होता है।
सोच: तार्किक और आलोचनात्मक सोच रखते हैं। जीवन और समाज के प्रति उनकी सोच अधिक खुली होती है।
जागरूकता: अपने आसपास के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक माहौल के प्रति अधिक जागरूक होते हैं।
संचार: बेहतर संवाद कर सकते हैं और अपनी बात स्पष्टता से रख सकते हैं।
अवसर: करियर और जीवन में बेहतर अवसरों तक पहुँच रखते हैं। 

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शिक्षित हो के वि अशिक्षित व्यक्ति किसको बोला जाता है
औपचारिक ज्ञान की कमी हो सकती है, लेकिन उनके पास व्यावहारिक या अनुभवात्मक ज्ञान हो सकता है।
उनकी मानसिकता संकीर्ण हो सकती है और वे परंपराओं पर अधिक भरोसा कर सकते हैं।
जागरूकता: अपने आसपास के माहौल के प्रति कम जागरूक हो सकते हैं।
संचार: प्रभावी ढंग से संवाद करने में संघर्ष कर सकते हैं।
अवसर: उनके पास सीमित विकल्प हो सकते हैं। 
एक महत्वपूर्ण दृष्टिकोण
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि अशिक्षित होने का मतलब बुद्धिहीन होना नहीं है, और शिक्षित होने का मतलब हमेशा बुद्धिमान होना नहीं है। वास्तविक जीवन में सफलता और बुद्धिमत्ता कई कारकों पर निर्भर करती है, जिसमें आंतरिक गुण, जीवन का अनुभव और व्यावहारिक ज्ञान शामिल हैं

आज के बच्चे बिगड़ गए हैंजिसके कई कारण हो सकते हैं,

जैसे कि माता-पिता की अत्यधिक पढ़ाई में मोबाइल का इस्तेमाल करने से भी बच्चे बिगड़ जाते हैं

पढ़ाई करते करते रिल्स इंस्टाग्राम का इस्तेमाल करना देखने को मिलता हैं,, मा बाप दोनों नोकरी को जाना भी बच्चे को अकेले पन का महसूस होना इत्यादि इत्यादि

जिम्मेदारी न सिखाना, और “सकारात्मक” पालन-पोषण के नाम पर हर मांग पूरी करना। इसके अलावा, आजकल के बच्चों को स्क्रीन की लत और पढ़ाई का भारी दबाव जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। यदि आपको बच्चे के व्यवहार में समस्या लग रही है, तो बाल रोग विशेषज्ञ से बात करना एक अच्छा विचार हो सकता है।
बिगड़ने के संभावित कारण:
अत्यधिक लाड़: हर जिद को पूरा करने से बच्चों में सब्र की कमी आती है और वे तुरंत हर चीज पाने की उम्मीद करने लगते हैं।
नियम और सीमाएं न होना: जब बच्चे के लिए कोई स्पष्ट नियम या सीमाएं तय नहीं होती हैं, तो वे अनुशासनहीन हो सकते हैं और अपनी मर्जी से सब कुछ करने लगते हैं।
जिम्मेदारी न सिखाना: बच्चों को जिम्मेदारी न सौंपने से उन्हें लगता है कि उनके काम कोई और ही करेगा।
गलत परवरिश का तरीका: माता-पिता के बीच मतभेद या रोज-रोज की लड़ाई का बच्चों पर गहरा असर पड़ता है।
स्क्रीन की लत: आजकल के बच्चों को स्क्रीन से संबंधित नई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
क्या करें:
बच्चों की बात सुनें: अगर आप चाहते हैं कि बच्चे आपकी बात सुनें, तो पहले आपको उनकी बातों को ध्यान से सुनना होगा।
नियम और सीमाएं बनाएं: बच्चों के लिए सुरक्षित और स्पष्ट नियम और सीमाएं तय करें ताकि वे अच्छे बर्ताव करना सीखें।
जिम्मेदारी सौंपें: बच्चों को उनकी उम्र के अनुसार जिम्मेदारी सौंपें, ताकि वे जिम्मेदार बनें।
पेशेवर मदद लें: यदि आपको लगता है कि समस्या गंभीर है, तो बच्चे के बाल रोग विशेषज्ञ से बात करें। वे आपको सही दिशा-निर्देश दे सकते हैं।

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