विवाह पञ्चमी // आज भगवान श्रीराम और माता सीता के पवित्र विवाह की स्मृति में मनाया जाता है।दीपक जलाकर धूप-दीप से आरती करें।

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*।।विवाह पञ्चमी।।*

*विवाह पंचमी हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण पर्वों में से एक है,*

जिसे भगवान श्रीराम और माता सीता के पवित्र विवाह की स्मृति में मनाया जाता है। यह पर्व हर साल अगहन (मार्गशीर्ष) माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को आता है और इसे विशेष रूप से वैवाहिक जीवन में सौभाग्य और शुभता लाने वाला माना जाता है। इस दिन पूजा-अर्चना करने से दांपत्य जीवन में सुख-समृद्धि और परिवार में सुख-शांति का लाभ मिलता है।

इस साल विवाह पंचमी मंगलवार, 25नवंबर2025 को पड़ रही है।
इस दिन ध्रुव योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और शिववास योग जैसे अत्यंत शुभ योग बन रहे हैं,
जो पूजा, मंत्र और धार्मिक क्रियाओं के लिए विशेष रूप से लाभकारी माने जाते हैं। इन योगों के प्रभाव से इस दिन किए गए धार्मिक कार्य और व्रत अधिक फलदायक होते हैं और नए जीवन की शुरुआत के लिए शुभ संकेत प्रदान करते हैं।

विवाह पंचमी का धार्मिक महत्व-

पौराणिक कथाओं के अनुसार, त्रेता युग में इसी दिन भगवान श्रीराम और माता सीता का पवित्र विवाह संपन्न हुआ था। इसलिए इस दिन को विवाह पंचमी के रूप में मनाया जाता है। माना जाता है कि जो श्रद्धालु इस दिन विधिपूर्वक श्रीराम और सीता माता की पूजा-अर्चना करते हैं, उनके सभी कार्य सफल होते हैं और वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

विवाह पंचमी 2025 के शुभ योग-
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस दिन तीन विशेष योग बन रहे हैं-

ध्रुव योग- स्थिरता और सफलता का प्रतीक।
सर्वार्थसिद्धि योग-सभी कार्यों में सफलता दिलाने वाला योग।
शिववास योग- शुभता और सौभाग्य को बढ़ाने वाला योग।

विवाह पंचमी पूजाविधि-

सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
पूजा स्थान को साफ करें और भगवान श्रीराम- सीता की प्रतिमा या चित्र को चौकी पर स्थापित करें।
प्रतिमा या चित्र को गंगाजल से शुद्ध जलाभिषेक करें।
भगवान राम और माता सीता को पीले वस्त्र पहनाएँ या पीला वस्त्र अर्पित करें।
ताजे फूल, अक्षत, चंदन, रोली, हल्दी आदि से विधि-विधान से पूजा करें।
भगवान को फल, मिठाई, गुड़ और खीर जैसे भोग अर्पित करें।
दीपक जलाकर धूप-दीप से आरती करें।

रामरक्षा स्तोत्र, सीता-राम विवाह स्तुति या रामचरितमानस के बालकांड का पाठ करें।
अंत में परिवार की सुख-समृद्धि और दांपत्य जीवन की मंगलकामना करें।

           ।। जय जय श्री राम ।।

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‼️🔰शुभ मंगलवारीय वंदन 🔰‼️

 *‼️ॐ हं हनुमतये नमः‼️*

‼️पंचमुखीय हनुमान स्तोत्रम‼️

 *ॐ हरिमर्कटाय स्वाहा* 
 *ओम नमो भगवते* 
 *पंचवदनाय पूर्वकपिमुखाय*      
 *सकलशत्रुसंहारकाय स्वाहा।*

 *ॐ नमो भगवते पंचवदनाय*
 *दक्षिणमुखाय करालवदनाय*    
 *नरसिंहाय सकलभूत-*
 *-प्रमथनाय स्वाहा।*

 *ॐ नमो भगवते पंचवदनाय* 
 *पश्चिममुखाय गरूडाननाय*    
 *सकलविषहराय स्वाहा।*

 *ॐ नमो भगवते पंचवदनाय*
 *उत्तरमुखाय आदिवराहाय* 
 *सकलसंपत्कराय स्वाहा।*

 *ॐ नमो भगवते पंचवदनाय* 
 *उर्ध्वमुखाय हयग्रीवाय* 
 *सकलजनवशकराय स्वाहा।*

 *इति श्री पंचमुखी हनुमान*
 *स्तोत्रम श्री हनुमान दादाय*
 *अर्पणमस्तु ।।* *🌞जय जय श्री राम🌞*

🚩ॐ नमो हनमंते भय भंजनाय सुखम कुरु फट स्वाहा🚩

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     *।।धर्म ध्वजा।।*

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प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या में 25 नवंबर 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर के 191 फ़ीट ऊँचे शिखर पर भव्य केसरिया ध्वज स्थापित करेंगे। सूर्यदेव, ॐ और कोविदार वृक्ष से सुशोभित यह विशाल ध्वज केवल परम्परा नहीं, सनातन और राष्ट्र गौरव का अद्वितीय प्रतीक है। विशेष फ़ैब्रिक से निर्मित यह ध्वज तेज़ हवाओं, धूप और बारिश में अडिग रहेगा, बिल्कुल उसी अटल संकल्प की तरह, जिसे प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में राष्ट्र ने अपनाया है। जब यह ध्वज रामलला के शिखर पर लहराएगा, तब सम्पूर्ण भारत में सनातन की दिव्य ऊर्जा नई शक्ति के साथ प्रवाहित होगी।

जय श्रीराम।

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