शकुनि की चाल से पांडवों को छल के माध्यम से हार मिली थी, जिससे वे अपनी सारी संपत्ति हार गए,
द्रौपदी का अपमान हुआ और उन्हें वनवास जाना पड़ा। शकुनि की जीत का राज उसके जादुई पासों में छिपा था, जो उसके इशारों पर चलते थे। ये पासे उसके मृत पिता की हड्डियों से बने थे, जो उसे पासे के खेल में हमेशा विजयी बनाते थे।
पासे का रहस्य: शकुनि के पासे जादुई थे और हमेशा उसके कहने के अनुसार ही चलते थे, क्योंकि वे उसके पिता की हड्डियों से बनाए गए थे। इस कारण शकुनि कभी जुए में हारता नहीं था।
पहला छल: शकुनि ने इस छल-कपट से जुआ खेलकर पांडवों को अपना सारा राजपाट, दौलत और संपत्ति गंवा दी।
दूसरा छल: इसके बाद उसने द्रौपदी को भी जुए में दांव पर लगा दिया, जिससे भरी सभा में उसका अपमान हुआ और उसे वस्त्रहरण का शिकार होना पड़ा।
परिणाम: इस पूरी घटना के कारण पांडवों को अपना राज्य छोड़कर वनवास जाना पड़ा, जिससे महाभारत के युद्ध की नींव पड़ी।












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