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पुणे की जंगली महाराज रोड (JM रोड) की कहानी 1970 के दशक की एक बेहतरीन निर्माण परियोजना की है, जो 1976 में पूरी हुई थी।

यह सड़क अपनी उच्च गुणवत्ता वाली निर्माण तकनीक के कारण लगभग 50 वर्षों तक बिना किसी गड्ढे के रही,

और इस पर कभी मरम्मत की जरूरत नहीं पड़ी। इसका नाम 19वीं सदी के आध्यात्मिक शिक्षक जंगली महाराज के नाम पर रखा गया है।
निर्माण का विवरण
निर्माण वर्ष: 1976
लंबाई: लगभग 1.5 से 2.5 किलोमीटर
ठेकेदार: मुंबई की एक कंपनी, Recondo, जो दो पारसी भाइयों द्वारा चलाई जाती थी
निर्माण तकनीक: उन्होंने हॉट मिक्स टेक्नोलॉजी का उपयोग किया, जो उस समय भारत में नई थी
गारंटी: कंपनी ने 10 साल तक सड़क की मरम्मत की गारंटी दी थी
मुख्य बातें
गुणवत्ता और विडंबना: सड़क की गुणवत्ता इतनी उत्कृष्ट थी कि इसे बिना किसी मरम्मत के 50 साल तक इस्तेमाल किया गया, जो इसे भारतीय सड़क निर्माण का एक दुर्लभ उदाहरण बनाता है।
ठेकेदार पर प्रभाव: इस बेहतरीन काम के बाद भी, Recondo कंपनी को भविष्य में कोई और काम नहीं मिला, क्योंकि अन्य ठेकेदारों को डर था कि ईमानदारी से काम करने से उन्हें भी उसी गुणवत्ता को बनाए रखना पड़ेगा।
वर्तमान स्थिति: 2010 में सड़क की ऊपरी सतह पर फिर से काम किया गया था, लेकिन इसकी नींव और मूल निर्माण की गुणवत्ता अभी भी एक मिसाल है, और यह सिविल इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए एक केस स्टडी के रूप में जानी जाती है।

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