महंत रोहित शास्त्री ने उठाई जम्मू-कश्मीर में “श्री माता वैष्णो देवी दिव्यांग विश्वविद्यालय” की स्थापना की मांग — उपराज्यपाल मनोज सिन्हा जी को सौंपा ज्ञापन।
श्री माता वैष्णो देवी संस्कृत गुरुकुल को आदर्श संस्कृत महाविद्यालय की मान्यता प्रदान की जानी चाहिए : महंत रोहित शास्त्री।
महंत रोहित शास्त्री (स्टेट अवॉर्डी) एवं आर. के. छिब्बर ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा जी से की भेंट।
जम्मू कश्मीर : श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट, रायपुर ठठर (जम्मू एवं कश्मीर) के अध्यक्ष महंत रोहित शास्त्री (स्टेट अवॉर्डी) एवं ट्रस्ट के ट्रस्टी श्री आर. के. छिब्बर ने आज श्रीनगर राजभवन में जम्मू-कश्मीर के माननीय उपराज्यपाल श्री मनोज सिन्हा जी से शिष्टाचार भेंट की । इस अवसर पर उन्होंने समाज के एक अत्यंत संवेदनशील एवं उपेक्षित वर्ग — दिव्यांगजनों — के हित में एक ऐतिहासिक मांग प्रस्तुत की।
महंत रोहित शास्त्री जी ने उपराज्यपाल महोदय को ज्ञापन सौंपते हुए आग्रह किया कि श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के माध्यम से “श्री माता वैष्णो देवी दिव्यांग विश्वविद्यालय” की स्थापना की जाए, ताकि जम्मू-कश्मीर और आस-पास के राज्यों के दिव्यांग विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा, कौशल विकास, और आत्मनिर्भरता के अवसर प्राप्त हो सकें।
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर प्रदेश में आज तक कोई भी ऐसा विश्वविद्यालय या उच्च शिक्षण संस्थान नहीं है, जो विशेष रूप से दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए समर्पित हो। यह न केवल प्रदेश के लिए बल्कि पूरे उत्तर भारत क्षेत्र के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है, क्योंकि हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और लद्दाख जैसे पड़ोसी राज्यों में भी ऐसा कोई विश्वविद्यालय स्थापित नहीं हुआ है।
महंत शास्त्री जी ने अपने वक्तव्य में कहा श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने शिक्षा, स्वास्थ्य और समाजसेवा के क्षेत्र में कई मिसालें कायम की हैं। बोर्ड द्वारा संचालित श्री माता वैष्णो देवी विश्वविद्यालय, संस्कृत गुरुकुल कटरा तथा नारायण सुपरस्पेशलिटी अस्पताल प्रदेश की गौरवशाली संस्थाएं हैं। यदि श्राइन बोर्ड दिव्यांगजनों के लिए एक समर्पित विश्वविद्यालय की स्थापना करता है, तो यह ‘सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय’ की भावना का साक्षात उदाहरण बनेगा। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित विश्वविद्यालय के माध्यम से दिव्यांग विद्यार्थियों को न केवल उच्च शिक्षा के अवसर मिलेंगे, बल्कि उनके लिए तकनीकी, व्यावसायिक और पेशेवर कोर्स भी प्रारंभ किए जा सकेंगे, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकेंगे और समाज में सम्मानजनक जीवन जी सकेंगे। यह विश्वविद्यालय समावेशी शिक्षा (Inclusive Education) का एक आदर्श केंद्र बनकर देशभर में प्रेरणा स्रोत सिद्ध हो सकता है।
महंत रोहित शास्त्री ने उपराज्यपाल महोदय को यह भी बताया कि इस पहल से जम्मू-कश्मीर का गौरव राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ेगा और प्रदेश समावेशी विकास के नए युग में प्रवेश करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि यह कदम श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड की सेवा परंपरा, सामाजिक जिम्मेदारी और मानवीय दृष्टिकोण को एक नई ऊँचाई प्रदान करेगा। शास्त्री ने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि जम्मू-कश्मीर न केवल आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अग्रणी बने, बल्कि सामाजिक समावेश और शिक्षा के क्षेत्र में भी उदाहरण प्रस्तुत करे। दिव्यांग विश्वविद्यालय की स्थापना इस दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।
महंत रोहित ने उन्हें कहा कि जम्मू-कश्मीर राज्य में संस्कृत संस्थाओं की कमी के कारण संस्कृत-छात्रों को पर्याप्त अवसर तथा सुविधाएँ नहीं मिल पा रही हैं। इसमें भी विशेषतः उधमपुर, रामबन, रामनगर, डोडा ,रियासी आदि दूरदराज़ इलाकों के छात्रों को तो संस्कृत अध्ययन का यह सुअवसर एक स्वप्न जैसा हो गया है। जिसका एक प्रमुख कारण कि श्रीमाता वैष्णो देवी संस्कृत गुरुकुल कटरा में हर वर्ष तीन सौ के करीब आवेदन लगते हैं और श्राइन बोर्ड प्रशासन मात्र तीस विद्यार्थियों को एडमिशन करता है 500 के करीब विद्यार्थी संस्कृत पढ़ने से वंचित रह जाते हैं।
उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय (पहले राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान) नई दिल्ली, जो कि संस्कृत भाषा के लिए शिक्षा मन्त्रालय, भारत सरकार की नोडल एजेंसी है इसके विभिन्न उद्देश्यों में यह उद्देश्य भी सम्मिलित है कि यह विश्वविद्यालय भारत के स्तरीय संस्कृत विद्यालयों/ गुरुकुलों/ पाठशालाओं को मान्यता एवं वित्तीय सहायता उपलब्ध कराएगा। इसके तहत मान्यता प्राप्त आदर्श संस्कृत महाविद्यालय की समस्त वित्तीय आवश्यकताओं की आपूर्त्ति का पंचानवे (95) प्रतिशत इसी के द्वारा अनुदानित होता है।
इस विश्वविद्यालय से सम्बद्ध वित्तपोषित आदर्श संस्कृत महाविद्यालय बिहार में पाँच, उत्तरप्रदेश में तीन, हिमालय प्रदेश में दो, पश्चिम बंगाल में दो, हरियाणा में दो, तमिलनाडु में दो, मणिपुर में दो तथा अन्य कुछ राज्यों में एक-एक हैं जिन्हें इस विश्वविद्यालय के माध्यम से शिक्षा मन्त्रालय, भारत सरकार आर्थिक सहयोग प्रदान करता है किन्तु यह विचारणीय विषय है कि जम्मूकश्मीर राज्य में अब तक एक भी संस्कृतसंस्था को वित्तपोषित आदर्श संस्कृत महाविद्यालय का दर्जा़ प्राप्त नहीं हुआ है। अतः श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड द्वारा संचालित, शैक्षणिक एवं भौतिक संसाधनों से युक्त, कटरा में स्थित श्री माता वैष्णो देवी संस्कृत गुरुकुल को आदर्श संस्कृत महाविद्यालय की मान्यता प्रदान की जानी चाहिए। जिससे श्राइन बोर्ड को आर्थिक राहत तो मिलेगी ही साथ ही जम्मूकश्मीर राज्य के संस्कृतानुरागियों को भी इसका ज्ञानात्मक प्रचुर लाभ होगा।
उपराज्यपाल श्री मनोज सिन्हा जी ने महंत रोहित शास्त्री जी और आर. के. छिब्बर जी द्वारा प्रस्तुत इस सामाजिक रूप से महत्वपूर्ण सुझाव की सराहना की तथा इसे गंभीरता से विचाराधीन लेने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि समाज के हर वर्ग को मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास प्रशासन की प्राथमिकता है, और दिव्यांगजनों के हित में उठाया गया कोई भी कदम स्वागतयोग्य है।
अंत में महंत रोहित शास्त्री जी ने उपराज्यपाल महोदय का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें विश्वास है कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन और श्राइन बोर्ड इस दिशा में शीघ्र ही ठोस कदम उठाएंगे।












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