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कभी ऐसा भी था…
आज के दौर में सरकार को केवल प्रशंसा करने वाले पत्रकार अच्छे लगते हैं… अगर सरकार की आलोचना करेंगे तो नौकरी से हाथ धो बैठेंगे या फिर जेल…..!

लेकिन इटावा के एक मुस्लिम पत्रकार थे जो एक अखबार निकालते थे,

उनका पूरा अखबार मुलायम सिंह जी के आलोचनाओं से भरा रहता था, नेता जी वह अखबार रोजाना पढ़ते भी थे….!

फिर अचानक से कई दिनों तक अख़बार नहीं आता है फ़िर नेता जी ने अपने लोगों से कहा कि पता करो,अखबार क्यों नहीं आ रहा है..?

पता चला कि पत्रकार बीमार हो गए थे फिर उस पत्रकार का नेताजी ने अहमदाबाद भेज कर इलाज करवाया..!

यह किस्सा माहौल क्या है वाले राजीव रंजन ने बताया..!!!

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