आज का श्रीमद् भागवतम् भाव//भागवत कहती है – कि यह मनुष्य शरीर बहुत दुर्लभ है । देवतालोग भी इसको पाने की आस करते हैं , क्योंकि केवल इसी शरीर में नये कर्म करने की स्वतंत्रता है , देवशरीर में नहीं । इसीलिए मनुष्य योनि कर्मयोनि कहलाती है
आज का श्रीमद् भागवतम् भाव(21 - 4 - 25)★ भागवत कहती है - कि यह मनुष्य शरीर बहुत दुर्लभ है । देवतालोग भी इसको पाने की आस करते हैं ,…