सोशल मीडिया की आड़ में लोग असल जिंदगी में रिश्तों को भूलते जा रहे..!!
प्यार, समझदारी, आदर सम्मान के साथ रिश्तों की डोर थामे रहना बहुत जरूरी..!
आज भागती दौड़ती जिंदगी में किसी के पास रिश्तों के लिए वक्त नहीं है!लोग परिवार में साथ बैठना, बातचीत करना, समय बिताना सब भूल चुके हैं!इसके चलते बच्चों में संस्कारों की कमी हो रही है!पारिवारिक रिश्तों के साथ साथ सामाजिक रिश्तों की भी अपनी भूमिका है!
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। समाज में रहते रहते लोगों से मेलजोल, बातचीत, सौहार्दपूर्ण व्यवहार भी जरूरी है। मोबाइल और सोशल मीडिया की आड़ में लोग असल जिंदगी में रिश्तों को भूलते जा रहे हैं! दुख-सुख, जिंदगी के अच्छे-बुरे दौर में यही रिश्ते हमें कंधा देते हैं!प्यार, समझदारी, आदर सम्मान के साथ रिश्तों की डोर थामे रहना बहुत जरूरी है।
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