सर्वाधिक शिक्षित//डॉ. श्रीकांत जिचकर ने मात्र 20 विश्वविद्यालयीय डिग्रियाँ प्राप्त कीं, न कि 220, फिर भी उनकी यह उपलब्धि भारतीय इतिहास की सर्वाधिक शिक्षित छवि को रेखांकित करती है,उन्होंने दोनों — आईपीएस और आईएएस — सेवाओं में प्रवेश पाने के बाद राजनीति में कदम रखा और 26 वर्ष की आयु में सबसे युवा विधायक बनकर महाराष्ट्र विधान सभा के सदस्य बने।

Spread the love

डॉ. श्रीकांत जिचकर ने मात्र 20 विश्वविद्यालयीय डिग्रियाँ प्राप्त कीं, न कि 220, फिर भी उनकी यह उपलब्धि भारतीय इतिहास की सर्वाधिक शिक्षित छवि को रेखांकित करती है।

उनकी डिग्रियाँ कई विविध क्षमताओं में फैली हुई थीं—उनमें मेडिकल (एमबीबीएस और एमडी), विधि (एलएलबी और अंतरराष्ट्रीय कानून में एलएलएम), व्यवसाय प्रबंधन (एमबीए और डॉक्टर ऑफ विज़नेस मैनेजमेंट), पत्रकारिता, संस्कृत साहित्य (डॉ. ऑफ लिटरेचर), और दस एमए—जिनमें लोक प्रशासन, समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र, इतिहास, अंग्रेज़ी साहित्य, दर्शनशास्त्र, राजनीति शास्त्र, प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व और मनोविज्ञान शामिल थे। अधिकांश डिग्रियाँ प्रथम श्रेणी में प्राप्त की गईं और कई पर उन्होंने स्वर्ण पदक भी जीते।

वर्ष 1973 से 1990 के बीच उन्होंने 42 विश्वविद्यालयीय परीक्षाओं में भाग लिया और लगातार उत्कृष्टता का प्रदर्शन किया। उन्होंने दोनों — आईपीएस और आईएएस — सेवाओं में प्रवेश पाने के बाद राजनीति में कदम रखा और 26 वर्ष की आयु में सबसे युवा विधायक बनकर महाराष्ट्र विधान सभा के सदस्य बने।

डॉ. जिचकर ने नागपुर में एक विद्यालय की स्थापना की और शिक्षा तथा स्वास्थ्य क्षेत्र में निःस्वार्थ सेवा आरंभ की। उनकी अमर छवि यह संदेश देती है कि अभिरुचि, बहुआयामी योगदान और सकारात्मक दृष्टिकोण से कोई भी व्यक्ति सामाजिक और शैक्षिक रूप से अद्वितीय मुकाम हासिल कर सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *